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विटामिन डी की कमी से हो सकती है भूलने की बीमारी, जानिए उपाय

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस विटामिन का सबसे बड़ा सोर्स सनलाइट यानी सूरज की रोशनी ही है. इसे सनशाइन विटामिन भी कहते हैं. लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी की मुफ्त में मिलने वाली इस विटामिन की कमी से भारत में 70 से 80 लोग जूझ रहे हैं. जितना जरूरी हमारे शरीर के लिए और विटामिन्स हैं, उतना ही जरूरी हमारे लिए विटामिन डी भी है. यह हमारे शरीर की लगभग सभी कोशिकाओं को प्रभावित करता है. यह कैल्शियम के अवशोषण, दिल, मस्तिष्क, प्रतिरक्षा तंत्र और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है. इतना ही नहीं एक अध्ययनों में साबित हो चुका है कि विटामिन डी से हृदय रोग, स्केलेरोसिस और यहां तक कि गठिया जैसे रोगों के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है.

वहीं एक अध्ययन के अनुसार विटामिन डी की कमी से डिमेंशिया या मनोभ्रंश होने का जोखिम बढ़ सकता है. अध्ययन के अनुसार विटामिन डी की अधिक कमी वाले लोगों में डिमेंशिया होने की संभावना 122 फीसदी अधिक होती है. ऐसे में लोग आसानी से चीजें भूलने लगते हैं, जिससे दिनचर्या प्रभावित होने लगती है. लंबे और अधिक समय तक किसी चीज को भूलने की समस्या को भी डिमेंशिया कहा जाता है.

विटामिन डी के स्रोत

विटामिन डी 2 एर्गो कैल्सिफेराल हमें खाद्य पदार्थों से मिलता है, जबकि विटामिन डी 3 कॉलेकैल्सिफेरॉल सूर्य की रोशनी पड़ने पर हमारे शरीर में उत्पन्न होता है. दोनों विटामिन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. डी 2 भोजन से प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन डी 3 का उत्पादन सूर्य के प्रकाश में ही होता है.

मशरूम

मशरूम विटामिन डी 3 के साथ-साथ विटामिन बी के भी शानदार स्रोत हैं. इनमें कम कैलोरी होती है.

काड लिवर आयल

यह तेल सेहत के लिए बेहद अच्छा माना जाता है. इससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और इसे कैप्सूल या तेल के रूप में प्रयोग किया जा सकता है.

सूरजमुखी के बीज

इनमें न केवल विटामिन डी 3, बल्कि मोनोअनसैचुरेटेड वसा और प्रोटीन भी भरपूर होता है.

 

 

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