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नवरात्रि : व्रत रखते वक्त इन फूड्स का आपको क्यों इस्तेमाल करना चाहिए, जानें

हिंदुओं के शुभ त्योहारों में एक नवरात्रि है जिसमें नौ दिनों तक उपवास रखा जाता है. साल में दो बार आनेवाला त्योहार हर बार मौसम की तब्दीली के साथ संयोग होता है जब पेट कमजोर और इम्यूनिटी धीमा होता है. उपवास रखना उसी के साथ सामना करने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है. प्रथानुसार, अनाज के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होती है. यहां तक कि उपवास नहीं रखनेवाले भी आम तौर पर खास फूड्स से परहेज बरतते हैं, इससे नौ दिनों का ‘डिटॉक्स’ की खिड़ी प्रदान करता है. अनुमति वाले सभी फूड्स स्वस्थ होते हैं और समझदारी से शामिल करने पर सिस्टम की सफाई में मदद करते हैं.

बकव्हीट- साधारणतया कुट्टू के तौर पर जाना जानेवाला वास्तव में अनाज नहीं होता है. ये बीज, छद्म अनाज से पीसकर हासिल होनेवाला आटा ग्लूटेन मुक्त होता है. ये बकव्हीट पौधे से प्राप्त फल तिकोने आकार का होता है. ये शरीर में गर्मी पैदा करता है और पोषक तत्व जैसे फॉसफोरस, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर और विटामिन बी में समृद्ध भी होता है.

सिंघाड़ा- सिंघाड़ा एक फल है और आटा फल को सूखाने के बाद प्राप्त किया जाता है. उसमें सोडियम की मात्रा कम मगर पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, फॉसफोरस और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है. सिंघाड़े के आटे का शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है.

साबूदाना या सैगो- ये कार्बोहाइड्रेट घना भोजन नवरात्रि के उपवास में खाने की इजाजत होती है. उसे अन्य सामग्री जैसे मूंगफली, करी पत्ता, थोड़ा आलू, सब्जी के साथ ध्यानपूर्वक मिलाया जा सकता है ताकि दही के साथ खाने के लिए स्वादिष्ट खिचड़ी तैयार की जा सके.

रामदाना या राजगिरा- उसका इस्तेमाल रोटी, खिचड़ी में किया जा सकता है. उसे आम तौर पर सबसे ज्यादा व्रत के लड्डू की शक्ल में खाया जाता है. नट्स, डेयरी फूड्स, मखाना और फल को अपनी नवरात्रि की डाइट में अन्य फूड्स की तरह शामिल कर सकते हैं. सब्जियों में आलू, शकरकंद, कद्दू, अरबी और कच्चा केला भी इस्तेमाल किया जाता है.

मुख्य भोजन में कुट्टू, सिंघाड़ा, राजगिरा के आटे से बनी रोटी या साबूदान या राजगिरा से बनी खिचड़ी शामिल हो सकती है. अन्य विकल्पों में ऊपर बताई गई सामग्रियों से बनी इडली को मिलाया जा सकता है. सभी को सब्जी, पनीर, दही, दूध को मिलाया जा सकता है. हल्के भोजन में फल, नट्स, मखाना को भी शामिल किया जा सकता है. एक या दो बार थोड़ा तला हुआ भोजन ठीक है लेकिन नियमित तौर पर तला आलू, पकोड़ा या पूरी खाना उपवास के तमाम उद्देश्य को बेकार कर सकता है.

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