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रामनवमी: 500 साल के बाद अयोध्या में लाखों भक्तों के साथ रामलला ने मनाया जन्म का उत्सव

अयोध्या। अयोध्या राम मंदिर में आज 500 साल बाद राम जन्मोत्सव मनाया गया। दोपहर 12 बजे से जन्मोत्सव की प्रकिया शुरू हुई। देश-दुनिया के करीब पांच लाख लोग अयोध्या पहुंचे। विधि-विधान और मंत्रोच्चार के बीच जन्मोत्सव मनाया गया। इसके पहले रामलला को श्रृंगार किया गया। उन्हें आभूषण पहनाए गए।

भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामनवमी की धूम है। यहां पर देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। तड़के अधिकांश ने सरयू नदी में स्नान किया। इसके बाद सभी ने मंदिरों का रुख किया। मंदिरों में दर्शन-पूजन के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या की गलियों में विचरण कर रहे हैं। पूरी राम नगरी आज तो श्रद्धालुओं से पटी है। यहां पर आज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हैं।

दोपहर 12 बजे रामलला का जन्मोत्सव मनाया गया। 500 सालों के संघर्ष के बाद बने भव्य मंदिर में रामलला के पहले जन्म उत्सव को लेकर जबरदस्त उत्साह एवं उल्लास रहा। रामलला के दरबार में सुबह 3:30 बजे से ही भक्तों की कतार लग गई थी। ट्रस्ट व प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई प्रकार के इंतजाम किए गए हैं।

100 से अधिक स्थानों पर एलईडी के जरिए अयोध्या में चल रहे राम जन्मोत्सव का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। दोपहर ठीक 12:00 बजे राम मंदिर सहित रामनगरी के हजारों मंदिरों में राम का जन्म उत्सव मनाया गया। इसका गवाह बनने के लिए लाखों श्रद्धालु अयोध्या में डटे हुए हैं।

रामनवमी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार आज के दिन ही भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। रामनवमी का यह पर्व भारत देश में भगवान राम के प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। आज के दिन भगवान राम जन भूमि अयोध्या नगरी में राम जन्म उत्सव की धूम के चलते लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। अयोध्या नगरी में रामनवमी का पर्व बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जा रहा है।

सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में प्रभु श्रीराम के दर्शन पूजन के लिए आ रहे हैं। इस अवसर पर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में श्रद्धा का सागर उमड़ पड़ा है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश के अलग-अलग जगहों से भगवान राम के लिए अयोध्या नगरी पहुंचे हैं।।ब्रह्म मुहूर्त में सूर्योदय के पहले से ही श्रद्धालु पवित्र सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगा रहे थे। मंदिरों में बधाइयां गीत का गायन चल रहा है।

12 बजे हुई जन्म की आरती
दोपहर ठीक 12 बजे रामलला के जन्म की आरती हुई। रामलला को पांच प्रकार की पंजीरी सहित 56 भोग अर्पित किए गए। इससे पहले रामलला का विभिन्न औषधियों से युक्त कलश से अभिषेक और श्रृंगार हुआ। हीरे, मोती, सोने-चांदी के कई प्रकार के आभूषणों से रामलला को सज्जित किया गया। रामजन्म के समय रामलला का जब अभिषेक व श्रृंगार किया जाएगा तो ऐसा पर्दा लगा रहेगा जिससे भक्त रामलला के श्रृंगार व अभिषेक को देख पाए। यह अद्भुत क्षण था।

इन आभूषणों से हुआ रामलला का श्रृंगार
सोने का मुकुट, पन्ना की अंगूठी, माणिक व पन्ना का कमरबंद, हीरे का कंगन, हीरा, माणिक व पन्ना जड़ित हजार, पंचलड़ा, दो किलो वजन की विजय माला

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