कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. हजारों लोग रोजना इस बीमारी से मर रहे हैं. वहीं लाखों इसके चपेट में आ रहे हैं. कोरोना का असर उन लोगों पर सबसे ज्यादा हो रहा है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है. वहीं कई रिसर्च इस बात को लेकर भी सामने आए हैं कि कोरोना वायरस ज्यादा शराब और सिगरेट पीने वाले लोगों पर ज्यादा अटैक कर रहा है. ऐसे लोगों की स्थिति दूसरे लोगों के मुकाबल ज्यादा गंभीर हो रही है. ऐसे में अगर आप सिगरेट पीते हैं या शराब पीते हैं तो आपको बहुत अलर्ट रहने की जरूरत है. कोरोना का असर ऐसे लोगों पर बहुत ज्यादा हो रहा है. आइये जानते हैं क्यों?
आपको बता दें जब से कोरोना वायरस फैला है तब से हेल्थ एक्सपर्ट्स समय-समय इस बात को कह रहे हैं कि कोरोना ऐसे लोगों को अपना शिकार ज्यादा बनाता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और इसके अलावा फेफड़े भी कमजोर होते हैं. ऐसे लोगों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा दूसरे लोगों से 14 प्रतिशत ज्यादा होता है. वहीं इस तरह के मामलों में कोरोना जानलेवा भी साबित हो सकता है.
जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनके फेफड़े पहले ही ठीक तरह से काम हीं करते. ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस फेफड़ों पर आक्रामक रूप से हमला करता है. इससे मरीज की स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है.
WHO का मानना है कि धूम्रपान करने वाले मरीजों को ज्यादा देखभाल और वेंटिलेशन की जरूरत होती है. इसके अलावा, COVID-19 की वजह से क्रोनिक रेस्पिरेटरी डिजीज, हार्ट की समस्याएं और कैंसर जैसी बीमारियां सीधे तौर पर धूम्रपान से जुड़ी हैं.
हालांकि अभी लाखों लोगों ने कोरोना की वजह से धूम्रपान छोड़ दिया है. ऐसे लोगों के फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है. इससे आपको कोरोना के संक्रमण में ज्यादा जटिलताओं का खतरा नहीं होता है.
वहीं शराब पीने वालों को भी कोरोना से ज्यादा खतरा है. ऐसे लोगों की इम्यूनिटी शराब पीने से काफी कमजोर हो जाती है और वायरस इन्हें जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है. जो लोग नियमित शराब पीते हैं वो कोरोना से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. इनके इलाज में स्टेराइड और दूसरी दवाओं की डोज ज्यादा देनी पड़ रही है क्योंकि इनकी इम्यूनिटी कमजोर है.
डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे मरीजों को आईसीयू में रखने पर पल-पल की स्थितियों पर नजर रखनी पड़ती है. इस तरह के मामलों में डॉक्टर्स को ज्यादा सजगता बरतनी पड़ती है.
दरअसल शराब या कोई दूसरा मादक पदार्थ हमारे लिवर को प्रभावित करता है. इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है इसके अलावा फेफड़ों और ऊपरी श्वसन तंत्र के इम्यून सेल्स को भी इससे बहुत नुकसान पहुंचता है.
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