कुछ दिनों की देरी बाद आखिरकार मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी है. भारतीय मौसम विभाग के डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने इसकी जानकारी दी है. पिछले 5 सालों में, 2017 और 2018 (क्रमश: 30 और 29 मई) को छोड़कर मॉनसून में हमेशा कुछ दिनों की देरी हुई है. साल 2020 में इसके 1 जून को हिट होने का अनुमान था, लेकिन यह 5 जून को शुरू हुआ. साल 2019 में इसकी भविष्यवाणी 6 जून को की गई थी, लेकिन यह 8 जून को शुरू हुई और 2016 में 8 जून को एक दिन की देरी हुई.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण पश्चिम मॉनसून की उत्तरी सीमा 5 डिग्री उत्तर और 72 डिग्री पूर्व, 6 डिग्री एन और 75 डिग्री ई, 8 डिग्री एन और 80 डिग्री ई, 12 डिग्री एन से गुजरती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि अगले दो दिनों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में अलग-अलग बारिश गतिविधि होने की संभावना है. हालांकि आईएमडी ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है.
वहीं, आईएमडी के मुताबिक, पूरे देश में इस साल जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की मौसमी बारिश सामान्य और सुविरित रहने संभावना है. देश भर में कुल मिलाकर इन चार महीनों की अवधि में पश्चिम मानसून मौसमी वर्षा के सामान्य रहने (दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत) की बहुत संभावना है.
आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र ने कहा है कि मौसमी वर्षा के पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है, जबकि मध्य भारत में सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है.
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