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असम में जापानी इंसेफेलाइटिस से एक और मौत, अब तक 38 लोगों की गई जान

असम में जापानी एन्सेफलाइटिस (JE) बीमारी का प्रकोप जारी है। पिछले 24 घंटों में वायरल संक्रमण के कारण एक और मौत के बाद असम में जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गोलाघाट और दरांग जिलों में 21 जुलाई को दो मौतें हुईं, जबकि 20 जुलाई को तीन लोगों की मौत हुई थी। मच्छर से पैदा होने वाली जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी एक वायरल मस्तिष्क संक्रमण है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) असम के अनुसार, संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटें में बिश्वनाथ जिले में में एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि इस दौरान राज्य में 15 नए मामलों का पता चला है। इन नए मामलों में से तीन नागांव जिले से, बक्सा और जोरहाट में दो-दो, चिरांग, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, चराईदेव, शिवसागर, तिनसुकिया और नलबाड़ी जिले से एक-एक मामले की सूचना मिली है।

अब तक सामने आए 251 केस

राज्य में जुलाई में अब तक जापानी इंसेफेलाइटिस के कुल 251 मामले सामने आए हैं। इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरल संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया है। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (जेईवी) एशिया में वायरल इंसेफेलाइटिस का प्रमुख कारण है। ये एक मच्छर जनित फ्लेविवायरस है जो डेंगू, पीला बुखार और वेस्ट नाइल वायरस के समान जीनस से संबंधित है।

क्या हैं जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण?

जापानी इंसेफेलाइटिस वायरल रोग (जेई) का पहला मामला 1871 में जापान में दर्ज किया गया था। अधिकांश जेईवी संक्रमण हल्के बुखार और सिरदर्द या फिर स्पष्ट लक्षणों के बिना होते हैं. गंभीर मामलों में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, भटकाव, कोमा, दौरे, स्पास्टिक लकवा देखने को मिलता है। इस बीमारी के कारण मरीज की जल्दी मौत हो जाती है।

असम में पिछले 4 साल में 1069 लोगों की मौत

असम की बात करें तो राज्य में पिछले चार वर्षों में जापानी एन्सेफलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण 1,069 लोगों की जान गई है। असम में 2018 में जापानी इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण 277 लोगों की मौत हुई जबकि 2019 में 514 लोगों की, 2020 में 147 और 2021 में 131 लोगों की जान गई।

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