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NIA मोस्ट वांटेड में शामिल हिड़मा का सिक्योरिटी गार्ड रह चुके नक्सली ने पत्नी समेत किया सरेंडर

सुकमा, छत्तीसगढ़ के घोर माओवाद प्रभावित सुकमा जिले में एक नक्सल दंपत्ति ने सरेंडर किया है। ताड़मेटला, तोण्ड़ामरका, कसालपाड़, पिड़मेल, टेकलगुड़ा जैसी एक दर्जन बड़ी वारदातों में शामिल सरेंडर नक्सली शामिल था। इसी साल एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल नक्सली कमांडर हिड़मा के अंगरक्षक के रूप में भी यह कार्यरत रहा है। बटालियन नम्बर 01 का सक्रिय नक्सली दंपत्ति ने एसटीएफ व पुलिस के समक्ष बीते मंगलवार को आत्मसमर्पण किया। दोनों को प्रोत्साहन राशि दी गई और पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात अधिकारियों ने कही।

सुकमा जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बीते मंगलवार को एएसपी नक्सल किरण चव्हाण व एएसपी ओम चंदेल, डीएसपी पारूल अग्रवाल व एसटीएफ अधिकारियों के समक्ष 8-8 लाख के इनामी दंपति ने आत्समर्पण किया।  जानकारी के मुताबिक नक्सली सलवम मुत्ता उर्फ सुक्कू जो कि 2006 से उसे नक्सली कमांडर विजय अपने साथ ले गया और संगठन से जोड़ दिया। उसके बाद वो धीरे-धीरे नक्सल संगठन में काम करते गया और उसका पद पढ़ता गया।

2019 से बटालियन-1 में था कार्यरत

पुलिस के मुताबिक सरेंडर करने वाला सलवम मुत्ता 2019 में बटालियन कंपनी 01 प्लाटून नं. 1 डिप्टी कमांडर व सेक्शन ए कमांडर की भूमिका में था और एसएलआर हथियार रखता था। वो टेकलगुड़ा की घटना में नक्सली कमांडर हिड़मा के अंगरक्षक रूप में काम भी किया। वहीं उसकी पत्नि सलवम गंगी ने भी 2013 से नक्सलियों के बाल संगठन में भर्ती हुई।  उसके बाद वो 2016 में बटालियन की कृषि टीम की सदस्य रही। पुलिस के बढ़ते दबाव व पूना नर्कोम अभियान के कारण आत्मसमर्पण किया। दोनों को योजना के तहत राशि दी गई और पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात अधिकारियों ने कही है। बताया जा रहा है कि दाेनों ने शादी के अब खुशहाल जीवन जीने के लिए सरेंडर किया है। नक्सल संगठन में रहते हुए वे अपना परिवार आगे नहीं बढ़ा सकते थे। इसलिए ही उन्होंने संगठन छोड़ने का निर्णय लिया।

 

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