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सावन का अंतिम सोमवारः शिवमय हुआ भूतेश्वरनाथ, हर साल बढ़ती जा रही स्वयं-भू शिवलिंग की ऊंचाई

गरियाबंद। सावन के पवित्र महीने का आज अंतिम सोमवार है। इस दौरान शिवालयों में ब्रह्ममुहूर्त से श्रद्धालुओं का भगवान भोलेनाथ का दर्शन और अर्पण करने के लिए तांता लगा रहा। घंटे घड़ियाल की ध्वनि और जय भोलेनाथ के जयकारे से वातावरण भक्तिमय हो गया।

इधर गरियाबंद स्थित भूतेश्वरनाथ में अंतिम सावन सोमवार को श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ रही। शिवलिंग का जलाभिषेक करने कावड़ियों की लाइन लगी हुई है। दूर-दूर से आए श्रद्दालुओं के दल में भोलेनाथ के परम भक्त भूत-बेताल का रूप धरे भक्तों ने नदीं के साथ भोलेनाथ का अभिषेक किया। वहीं कई श्रद्दालु भोलेनाथ का रूप भी धरे दिखे। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ से गरियाबन्द मुख्यालय से लेकर भूतेश्वरधाम तक पूरा मार्ग शिव मय हो गया।

अंतिम सावन सोमवार को बड़ी संख्या में जुट श्रदालुओं को शिवालय तक पहुंचने कोई दिक्कत न हो इसकी व्यवस्था में जिला पुलिस लगी हुई है। एसपी जेआर ठाकुर, एडिशनल एसपी चंद्रेश ठाकुर, एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक, आरआई उमेश रॉय व्यवस्था पर नजर बनाए हुए है। भूतेश्वरधाम से एक किलोमीटर पहले भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। इसके अलावा अन्य वाहनों की आवाजाही बाधित न हो उसके लिए बल तैनात किया गया है।

बढ़ती जा रही शिवलिंग की ऊंचाई
बता दें कि 1952 में प्रकाशित कल्याण तिर्थाक के अनुसार, भूतेश्वरनाथ स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 35 फीट और व्यास 150 फीट बताई गई थी, वहीं 1978 में इसकी ऊंचाई 40 फीट और साल 1987 में 55 फीट और 1994 में फिर से थेडोलाइट मशीन से नाप करने पर 62 फिट की लंबाई पाई गई।

वैज्ञानिक भी नहीं कर पाए सही आंकलन
इस मामले में वैज्ञानिक भी सही तर्क नहीं कर पाए हैं कि आखिर कैसे यहां शिवलिंग का आकार बढ़ रहा है। ऐसा माना जाता है कि यहां बना शिवलिंग प्राकृतिक तौर पर स्वयंभू है। अर्धनारीश्वर इस शिवलिंग को भकुर्रा महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

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