रवि भोई की कलम से
नब्बे के दशक में फिल्म अभिनेता असरानी का एक विज्ञापन “पूरे घर का बदल डालूंगा” बड़ा लोकप्रिय हुआ था, जिसमें वे बल्ब खरीदते हुए पूरे घर का ही बल्ब बदलने की बात करते हैं। लगता है ठीक उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में अब भारतीय जनता पार्टी ने काम शुरू कर दिया है। विष्णुदेव साय की जगह अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को भी बदलने की बात चल पड़ी है। श्री कौशिक की जगह कुर्मी समाज के ही नारायण चंदेल का नाम सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि 17 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष के बारे में फैसला हो जाएगा। कहा जा रहा है कि क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल फ़िलहाल दो दिन के लिए 16 अगस्त को रायपुर आ रहे हैं। दो दिन में कई बड़े फैसले हो जाएंगे। पार्टी के संगठन महामंत्री पवन साय की विदाई भी तय मानी जा रही है। भाजपा में संगठन महामंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और प्रदेश अध्यक्ष से ज्यादा पावरफुल होता है। संगठन महामंत्री के पद पर अनुसूचित जनजाति वर्ग से नियुक्ति हो सकती है। छत्तीसगढ़ भाजयुमो अध्यक्ष अमित साहू का भी बदला जाना तय बताया जा रहा है। अमित साहू से प्रभारी महामंत्री डी. पुरंदेश्वरी काफी पहले से नाराज चल रहीं थी और अब साहू वर्ग से अरुण साव के प्रदेश अध्यक्ष बनने से अमित साहू का पत्ता साफ़ होना लगभग तय हो गया है। छत्तीसगढ़ भाजयुमो अध्यक्ष अनुसूचित जाति वर्ग से बनाने की बात चल रही है, जिससे पार्टी का सोशल इंजीनियरिंग संतुलित हो जाए।
मुख्यमंत्री के पिटारे पर नजर
15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिटारे से क्या निकलता है, उसका सबको इंतजार है, खासतौर से अधिकारियों और कर्मचारियों को। आमतौर पर मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कुछ न कुछ घोषणाएं करते हैं। कभी नए जिलों की घोषणा हो जाती है या अन्य कोई नीतिगत फैसले का ऐलान किया जाता है। राज्य में भानुप्रतापपुर, पत्थलगांव और सराईपाली को जिला बनाने की मांग उठ रही है, लेकिन इस बार अधिकारियों और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर सबकी नजर टिकी है। पिछले महीने कर्मचारियों ने 34 फीसदी महंगाई भत्ते के लिए पांच दिनों तक हड़ताल की थी। 22 अगस्त से फिर हड़ताल का अल्टीमेटम दिया है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के मसले पर दो बार कर्मचारियों की आधिकारिक स्तर पर बातचीत हो गई है। उम्मीद की जा रही है 10 से 12 फीसदी तक महंगाई भत्ता बढ़ सकता है। सरकार के फैसले से पहले ही छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल अपने कर्मचारियों को 34 फीसदी महंगाई दे रहा है। कर्मचारी संगठन इस पर आपत्ति भी कर रहे हैं और उसे आधार भी बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि डीए नहीं बढ़ने से कर्मचारियों को औसतन चार से लेकर 15 हजार तक नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने पूरी की सिंहदेव की एक मुराद
कहा जा रहा है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच भले शीतयुद्ध जैसी स्थिति हो,पर मुख्यमंत्री ने श्री सिंहदेव को उनके गृह जिले सरगुजा में 15 अगस्त के दिन तिरंगा झंडा फहराने का अवसर देकर उनकी एक मुराद तो पूरी कर ही दी। कहते हैं मंत्री बनने के बाद श्री सिंहदेव 15 अगस्त 2019 को सरगुजा में ध्वजारोहण किया था, उसके बाद कभी जांजगीर-चांपा, तो कभी कवर्धा या दीगर जिले झंडा वंदन के लिए उन्हें मिलते रहे। श्री सिंहदेव सरगुजा राजघराने के वारिस हैं, ऐसे में आजादी पर्व पर अपने इलाके में तिरंगा फहराने का अलग महत्व है। श्री सिंहदेव के फेर में कई और मंत्रियों और संसदीय सचिवों को गृह जिले में ध्वजारोहण का अवसर मिल गया।
पद बचाने छुटभैया का सहारा
कहा जा रहा है छत्तीसगढ़ में भाजपा के कुछ बड़े नेता अपने छुटभैया नेताओं के जाल और मोहपाश में फंस गए हैं। वे नोएडा वाले श्रीकांत त्यागी से सबक लेने की जगह अपना वकील बना रहे हैं। कहते हैं एक बड़े नेता ने पद बचाने के लिए एक छुटभैया नेता को वकालत करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास भेज दिया। छुटभैया नेता ने बड़े नेता के लिए कितनी वकालत की, यह तो उनके पद बचने या जाने से समझ आएगा , पर माना जा रहा है कि छुटभैया नेता ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात और पुष्पगुच्छ भेंट करने वाला फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर अपनी दुकान को मजबूत कर ली। वैसे इस छुटभैया नेता को एक केंद्रीय मंत्री और भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी का दत्तक पुत्र कहा जाता है। यह छुटभैया नेता भाजपा राज में कई मंत्रियों का चहेता भी रहा है।
स्वास्थ्य की कमान किसे मिलेगी ?
कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की कमान किसी महिला आईएएस अधिकारी के पास ही रहेगी। भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जा रहीं प्रमुख सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी की जगह 2001 बैच की आईएएस शहला निगार या 2003 बैच की आईएएस अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। शहला निगार अभी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव हैं। रीना बाबा साहेब कंगाले लंबे अवकाश के बाद संभवतः 16 अगस्त को लौटेंगी। 2006 बैच के आईएएस सीआर प्रसन्ना भी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में सचिव हैं। अवकाश पर जाने से पहले रीना बाबा साहेब कंगाले राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ सचिव महिला -बाल विकास और समाज कल्याण भी थीं। सचिव महिला -बाल विकास और समाज कल्याण का प्रभार फिलहाल भुवनेश यादव के पास है और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का काम पी. दयानंद देख रहे हैं ।
तीन साल में ही मनिंदर कौर की वापसी
1995 बैच की आईएएस अधिकारी डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी करीब तीन साल पहले ही भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति पर छत्तीसगढ़ लौटीं थी। अब फिर छत्तीसगढ़ से केंद्र सरकार में जा रही हैं। डॉ. मनिंदर भारत सरकार के उपक्रम स्माल फार्मर एग्रो बिजनेस कंसोर्टियम ( एसएफएसी ) की एमडी बनकर दिल्ली जा रही हैं। इस पद पर अभी बिहार कैडर की आईएएस डॉ. विजय लक्ष्मी नदेंदला पदस्थ हैं। डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी के पति गौरव द्विवेदी भी 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे भी भारत सरकार में इंपैनल्मेंट हैं, उनके भी जल्द केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की संभावना है। वे अभी राज्य के प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर हैं।
स्वास्थ्य संचालक का पद भी खाली
छत्तीसगढ़ कैडर के 2008 बैच के आईएएस अधिकारी और राज्य के स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ भी भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं, उन्हें केंद्रीय सचिवालय में संचालक नियुक्त किया गया है। माना जा रहा 2008 या 2009 बैच के किसी आईएएस अधिकारी को स्वास्थ्य संचालक बनाया जा सकता है।नीरज बंसोड़ करीब तीन साल से स्वास्थ्य संचालक हैं , उन्हें शिखा राजपूत की जगह स्वास्थ्य संचालक बनाया गया था।
नेहा चंपावत पोस्टिंग के इंतजार में
2004 बैच की आईपीएस नेहा चंपावत भारत सरकार में पोस्टिंग के इंतजार में है। राज्य में 2004 का बैच आईजी के रूप में प्रमोट हो चुका है। वे अभी गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर पदस्थ हैं , लेकिन उन्होंने लंबा अवकाश ले लिया है। इस कारण उनका काम फ़िलहाल संयुक्त सचिव अभिजीत सिंह को दे दिया गया है। नेहा चंपावत के पति आईएएस अविनाश चंपावत नीति आयोग में पदस्थ हैं।
(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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