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डोडीताल का गणेश मंदिर : उत्तरकाशी में हुआ था भगवान गणेश का जन्म, यहां माता पार्वती के साथ विराजित हैं गणपति

उत्तरकाशी के डोडीताल को भगवान गणेश की जन्मस्थली माना जाता है। डोडीताल में एक ताल है, जिससे एक बड़ा रहस्य जुड़ा है। इस ताल के पास स्थित मंदिर को भगवान गणेश की जन्‍मस्‍थली माना जाता है। यहां पर माता अन्नपूर्णा का मंदिर है। जिसके कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुल गए हैं। ये शीतकाल में बंद रहते हैं। डोडीताल में गणेश जी के साथ माता पार्वती भी विराजमान पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उत्‍तरकाशी के डोडीताल में ही माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व द्वार की सुरक्षा के लिए अपने उबटन से गणेश भगवान को उत्पन्न किया था।

डोडीताल में गणेश जी के साथ उनकी माता पार्वती भी विराजमान हैं। यहां पार्वती माता की पूजा अन्नपूर्णा के रूप में होती हैं। यहां माता अन्नपूर्णा का मंदिर है। डोडीताल के स्थानीय लोगों की बोली में भगवान गणेश को डोडी राजा कहा जाता है, जोकि केदारखंड में गणेशजी के डुंडीसर नाम का अपभ्रंश है। ताल की गहराई रहस्‍य डोडीताल समुद्रतल से 3,310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है।

डोडीताल एक से डेढ़ किलोमीटर में फैली झील है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस ताल में आज भी गणेश भगवान अपनी माता के साथ विराजमान हैं। आज भी इस ताल की गहराई रहस्‍य बनी हुई है। डोडीताल पर्यटकों के लिए एक शानदार ट्रैकिंग स्थल भी है। जो कि मुख्यालय से 18 किमी अगोड़ा गांव तक सड़क मार्ग है। इसके बाद अगोड़ा से बेवरा, छोटी व बड़ी उड़कोटी, मांझी होते हुए ट्रैकिंग कर डोडीताल पहुंच सकते हैं। अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक इस ट्रैक पर मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं।

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