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कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला सिकासेर डेम रहने लगा है वीरान

जीवन एस साहू

गरियाबंद। जिला मुख्यालय ऐसे तो अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है , इसी के तहत जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर है सिकासेर डेम जो चारो ओर से सुंदर पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिसकी सुंदरता की लोग तारीफ करते नही थकते , चारो ओर से घने जंगल से घिरा हुआ यह पर्यटन स्थल में एक समय पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती नही थी , छुट्टियों के दिन हो या किसी और दिन भी लोगो की भीड़ से भरा रहने वाला यह पर्यटन स्थल आज मूलभूत सुविधाओं के आभाव में अपना अस्तित्व बचाने की स्थिति में है , जिला प्रशासन और स्थानीय विधायक हो के द्वारा इस और किसी ने ध्यान नही दिया इसी के ठीक विपरित गंगरेल बांध में पर्यटन के दृष्टि से काफी आगे बढ़ गया है , आज लोग मिनी गोवा के नाम से गंगरेल बांध को जानते है , जबकि इसकी सुंदरता गंगरेल बांध से कही ज्यादा है.

मलेवा पहाड़ों से सुंदर पहाड़ों से घिरा होने के कारण पहाड़ों से गिरता झरने इसकी सुंदरता और बढ़ा देते है , गंगरेल बांध की तर्ज पर यहां भी वाटर स्पोर्ट्स जैसे पर्यटकों के मनोरंजन के लिए संसाधन उपलब्ध कराने से फिर से वही रौनक लाई जा सकती है . लेकिन आज तक न पर्यटन विभाग, ना स्थानीय विधायक और न ही किसी जिला कलेक्टर ने इस और ध्यान दिया है .वही जल संसाधन विभाग का रेस्ट हाऊस भी काफी पुराना हो चुका है .हाल ही में उसका मरम्मत कार्य किया जा रहा था जो अभी अधूरा है , पर्यटकों के रुकने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है , शाम होते ही पर्यटकों को जल्द निकलना पड़ता है.


नक्सली आमद के कारण हुई पर्यटकों में कमी
कुछ वर्षो से नक्सलियों के आमद के कारण पर्यटकों में भय के कारण यह आना बंद सा कर दिया लेकिन आज स्थिति सामान्य होने के बाद भी पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन लोगो में विश्वास पैदा करने के कोई प्रयास नहीं किए जिससे लोगो को यहा आने में दिक्कत ना हो ।
डेम के बीच में बना टापू पर्यटकों को आकर्षित करता है डेम के बीच में बना टापू या आयलैंड लोगो को सोचने पर मजबूर कर देता है की वहा एक रेस्टोरेंट या कोई रिजॉर्ट जैसे सुविधा कर दी जाए बोट के जरिए पर्यटकों को वहा पहुंचा दिया जाए तो और भी आनंदित हो जाएंगे ।

बिजली संयंत्र के नाम से भी सिकासेर डेम प्रसिद्ध है , कुछ समय पहले स्कूली बच्चों को दिखाने के नाम से यह भ्रमण कराया जाता था , लेकिन आज स्थिति यह है की आज के पीढ़ी की यह जानकारी भी नही की इस स्थल में बिजली उत्पादन संयंत्र भी है.

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