छठ मैया और सूर्य भगवान का यह मुख्य त्योहार करीब चार दिन चलता है. पूजा से पहले घर की अच्छी तरह साफ-सफाई की जाती है. पूजा की शुरुआत से पहले घर में जहां छठ पूजा होनी है, वहां खास तैयारी करनी होती है. इस कमरें में हर किसी को प्रवेश नहीं मिलता है. जानिए कुछ नियम और पाबंदियां.
1. छठ पूजा के दौरान कभी स्टील या शीशे के बर्तन प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस दौरान घर में सात्विक खाना ही बनना चाहिए. प्रसाद बनाते हुए हाथ से कभी नमक भी नहीं छूना चाहिए.
2. केवल व्रती ही छठ पूजा वाले कमरे में जा सकते हैं, फिर भी व्रत नहीं रखने वाले परिवार के अन्य सदस्यों को भी घर में सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
3. सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए तांबे का पात्र उपयोग में लाएं.
4. छठी मैया का प्रसाद शुद्धता से बनाना चाहिए. इसे हमेशा ऐसे चूल्हे पर बनाएं, जिसे ताजा लीपा गया हो. अगर गैस पर बना रहे तो स्टोव अच्छी तरह से धो लें. पहले से बने चूल्हे पर कभी प्रसाद न बनाएं.
5. जिस जगह प्रसाद बन रहा, वहां साधारण भोजन भी नहीं बनाना चाहिए. साथ ही उस स्थान पर खाना भी वर्जित है.
6. व्रत के दौरान घर में मांसाहार न बने, न कोई इसे बाहर से लाकर खाए. व्रत के दौरान घर में मदिरा आदि का सेवन भी वर्जित है.
7. सूर्य को अर्घ्य से पहले कभी भी भोजन ग्रहण न करें. व्रती लोगों पहले और दूसरे दिन सूर्य को जल देने के बाद ही भोजन करना चाहिए.
8. घर में प्याज-लहसुन चार दिन प्रयोग नहीं करना चाहिए. पूरे दिन सात्विक भोजन करें।
9. छठी मां से मांगी मनोकातना पूरी होने पर विशेष पूजा जरूर कराएं, अन्यथा कोप भाजन का शिकार होना पड़ेगा.
10. छठ व्रत रखने वालों को जमीन पर सोना चाहिए, पूजा वाले कमरे में ही आसान लगाएं.
11. पूजा के दौरान वाणी संयमित रखें। घर में झूठे बर्तन, गंदे कपड़ों का ढेर नहीं लगनें दें.
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