26 साल के गेंदबाज कुलदीप सेन ने बांग्लादेश के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में 2 विकेट झटके। हालांकि, कुलदीप के पिता रामपाल सेन बेटे का डेब्यू नहीं देख सके। जब मैच चल रहा था तब रामपाल अपने हेयर सैलून पर ग्राहकों के बाल काट रहे थे। रामपाल रीवा के सिरमौर चौराहे पर सैलून चलाते हैं। कुलदीप सेन के डेब्यू पर रामपाल सेन ने कहा- यह मेरे लिए गर्व की बात है कि बेटा इतनी छोटी जगह से निकलकर भारतीय टीम में खेल रहा है।
2014 में ईश्वर पांडेय टीम इंडिया में चुने गए
कुलदीप सेन रीवा के पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर हैं। उनसे पहले 2014 में ईश्वर पांडेय टीम इंडिया में चुने गए थे, लेकिन उन्हें डेब्यू करने का मौका नहीं मिला था। तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया न्यूजीलैंड दौरे पर गई थी और पांडेय बिना डेब्यू कैप के लौटे थे। कुलदीप भी कुछ दिन पहले समाप्त हुए न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा थे। शिखर धवन की कप्तानी वाली टीम में उन्हें डेब्यू करने का मौका नहीं मिला।
फ्री कोचिंग मिली
एंथोनी ने बताया कि खेल के प्रति कुलदीप की लगन और मेहनत को देखते हुए मैंने तय किया था कि कभी उससे एक चवन्नी नहीं लूंगा, फ्री में कोचिंग दूंगा दी। कोच एंथोनी ने बताया- ‘कुलदीप ने बहुत संघर्ष किया है। एक समय उसके पास प्रैक्टिस के लिए जूते तक नहीं होते थे। मुझे अच्छे से याद है कि 2014 के न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में चुने गए ईश्वर पांडेय ने उसे पहली बार अपने स्पाइक्स दिए थे, जिनसे कुलदीप अभ्यास करता था। कुलदीप को झारखंड से रणजी खेलने वाले आनंद सिंह का भी भरपूर सहयोग मिला’।
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