अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर डेटा चोरी होने के प्रयास के बाद अब भारतीय रेलवे में संभावित डेटा चोरी होने रिपोर्ट सामने आई है। हालांकि, भारतीय रेलवे या किसी भी सरकारी अधिकारी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स ने रेलवे टिकट बुक कराने वाले 3 करोड़ लोगों का डेटा चुरा लिया है। बताया जा रहा है कि इसमें व्यक्तिगत जानकारी शामिल है जिसमें ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पता और उम्र शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार साइबर हैकर ने ना केवल यात्रियों के डेटा चुराया, बल्कि रेलवे की वेबसाइट में भी छेड़छाड़ का भी दावा किया है।
भारत के शीर्ष चिकित्सा संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर डेटा चोरी होने के प्रयास के बाद अब भारतीय रेलवे में संभावित डेटा चोरी होने रिपोर्ट सामने आई है। हालांकि, भारतीय रेलवे या किसी भी सरकारी अधिकारी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स ने रेलवे टिकट बुक कराने वाले 3 करोड़ लोगों का डेटा चुरा लिया है। बताया जा रहा है कि इसमें व्यक्तिगत जानकारी शामिल है जिसमें ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पता और उम्र शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार साइबर हैकर ने ना केवल यात्रियों के डेटा चुराया, बल्कि रेलवे की वेबसाइट में भी छेड़छाड़ का भी दावा किया है।
साइबर हैकर ने इस काम को कैसे अंजाम दिया
साइबर हैकर ने इस काम को कैसे अंजाम दिया। रेलवे के सर्वर में सेंध लगाकर इसे कैसे एक्सेस किया गया, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। रेलवे या किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। और न ही अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
हैकर फोरम 3 करोड़ पैसेंजर्स के इस डाटा को डार्क वेब पर बेच रहा
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक हैकर फोरम ने 27 दिसंबर को इस घटना को अंजाम दिया था। हैकर फोरम की असली पहचान सामने नहीं आई है लेकिन इसे ‘शैडो हैकर’ के नाम से जाना जाता है। आरोप है कि वह हैकर फोरम 3 करोड़ पैसेंजर्स के इस डाटा को डार्क वेब पर बेच रहा है। अब इस डेटा को डार्कवेब के जरिए बेचा जा रहा है।
सरकारी विभागों के आधिकारिक ईमेल अकाउंट्स को भी चुराया
खबरों के अनुसार, हैकर ग्रुप ने कहा कि उसके पास भारतीय रेलवे में टिकट बुक कराने वाले तीन करोड़ लोगों के ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पता, उम्र सहित कई निजी जानकारियां हैं। हैकर ग्रुप ने यह भी दावा किया कि उसने कई सरकारी विभागों के आधिकारिक ईमेल अकाउंट्स को भी चुराया है।
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