इंटरनेशनल मार्केट में कमजोर डॉलर की वजह से सोना चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. निवेशकों की नजर फेडरल रिजर्व की आखिरी पॉलिसी मीटिंग पर है. हालांकि महंगाई की चिंता बनी हुई है. अगर महंगाई बढ़ती है तो गोल्ड के दाम बढ़ सकते हैं क्योंकि निवेशक इसकी हेजिंग के लिए ज्यादा गोल्ड खरीदेंगे और इसकी मांग बढ़ेगी. लिहाजा यह महंगा होगा.
हालांकि फेडरल रिजर्व के संकेतों से ऐसा लगता है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं हो. इससे महंगाई में नरमी ही रहेगी. वैसे गोल्ड ईटीएफ में निवेश में बढ़तरी हो रही है. इससे संकेत मिलता है कि निवेशक महंगाई की हेजिंग के लिए इसमें निवेश कर रहे हैं. बहरहाल, घरेलू मार्केट में एमसीएक्स में बुधवार को गोल्ड 0.02 फीसदी गिर कर 48299 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया वहीं.सिल्वर 0.72 फीसदी गिर कर 72,661 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया. मंगलवार को स्पॉट मार्केट में स्पॉट गोल्ड 47,569 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया है. वहीं गोल्ड फ्यूचर 48250 रुपये प्रति दस ग्राम पर बिका.
मंगलवार को स्पॉर्ट मार्केट में गोल्ड 48419 रुपये प्रति दस ग्राम पर बिका. वहीं चांदी 73,168 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. भारतीय बाजार में लगातार फिजिकल गोल्ड की डिमांड घट रही है इसलिए इसकी कीमतों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
ग्लोबल मार्केट में स्पॉट गोल्ड 0.1 फीसदी चढ़ कर 1870 रुपये प्रति औंस पर बिका. वहीं सिल्वर में 0.2 फीसदी की गिरावट आई और 28.15 डॉलर पर बिका. इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड में फिलहाल ज्यादा तेजी नहीं दिखेगी लेकिन भारत में कोरोना संक्रमण को काबू न होते देख निवेशकों का रुझान गोल्ड की ओर बढ़ सकता है. हालांकि भारत में कई राज्यों में लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से फिजिकल गोल्ड की डिमांड में कमी आई है.
ये भी पढ़ें – शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 150 अंक गिरा, निफ्टी 15,100 से आया नीचे