जम्मू विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर चंद्रशेखर चंद्र की आत्महत्या को लेकर शिक्षक संघ ने हड़ताल को तीन दिन और बढ़ाने का फैसला किया है। इस बीच यौन उत्पीड़न के खिलाफ गठित समिति (कैश) की अध्यक्ष प्रो. अलका शर्मा ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की सदस्यता भी छोड़ दी है।
उधर, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की टीम मंगलवार को जम्मू विश्वविद्यालय का दौरा कर वास्तविक स्थिति का जायजा लेगी। सूत्रों के अनुसार एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। डॉ. चंद्रशेखर की खुदकुशी मामले में भी बात हो सकती है।जम्मू विवि में शिक्षक संघ की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। सोमवार को शिक्षक संघ की आम सभा की हुई बैठक में हड़ताल को और तीन बढ़ाने का फैसला किया गया था। पहले पांच दिन तक हड़ताल पर शिक्षक रहे थे।
बैठक में कैश कमेटी की अध्यक्ष प्रो. अलका शर्मा भी मौजूद रहीं
सूत्रों ने बताया कि आम सभा की बैठक में कैश कमेटी की अध्यक्ष प्रो. अलका शर्मा भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि कैश कमेटी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच में पूरी प्रक्रिया का पालन किया है। इसमें किसी प्रकार का पक्षपात नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उन पर शिक्षक समुदाय की ओर से ही तमाम तरह के मीडिया में आरोप लगाए गए। इसका कोई आधार नहीं है। इससे वे बेहद आहत हैं। इस वजह से वे कैश कमेटी के अध्यक्ष तथा जम्मू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जुटा) की सदस्यता से त्यागपत्र दे रही हैं।
बैठक के बाद वे वीसी के पास गईं और कैश कमेटी अध्यक्ष पद से इस्तीफा का पत्र सौंपा। उधर, जेयूटा की बैठक में मौजूदा स्थिति पर विचार किया गया। तय किया गया कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। ज्ञात हो कि शिक्षक संघ के आंदोलन के चलते कई विभागों ने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। सूत्रों का कहना है कि रविवार को ली गई जम्मू विवि की प्रवेश परीक्षा में भी हड़ताल पर बैठे शिक्षकों का सहयोग नहीं रहा।
पढ़ाई बाधित होने से छात्र परेशान
जम्मू विवि विद्यार्थियों ने सोमवार को विधि विभाग के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में शामिल महेश बख्शी ने कहा कि एसोसिएट प्रोफेसर मामले एसआईटी गठित की गई है, लेकिन अभी तक सच सामने नहीं आया है। जिन छात्राओं ने आरोप लगाया था उन्हें भी न्याय नहीं मिल रहा है। मामले की जांच कर सच जल्द से जल्द सामने लाया जाना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि छात्रों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को जल्द मामले की जांच करवानी होगी। ऐसी ही स्थिति रही तो आंदोलनरत शिक्षक कक्षाओं में नहीं आएंगे। सत्र पहले ही देरी से शुरू हुआ है। छात्रों की डिग्री पूरी होने में समय लग रहा है। उन्हें नौकरी के लिए आवेदन करने में भी दिक्कत आएगी। प्रदर्शनकारियों ने विवि प्रशासन से जल्द संज्ञान लेने की मांग उठाई है। इस मौके पर सन्नी ठाकुर, दिनेश गुप्ता, पवन चौधरी आदि उपस्थित रह।