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साय कैबिनेट की बैठक में महिलाओं के हित में लिया बड़ा फैसला : महतारी वंदन योजना पर लगी मुहर, तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब संग्रहण दर 5500 रुपए

रायपुर। सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में साय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें महतारी वंदन योजना पर मुहर लगाई गई. वहीं तेंदूपत्ता संग्रहण दर 5500 रुपये करने का फैसला लिया गया. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, मोदी की गारंटी को लागू करने का सिलसिला चल रहा है. ⁠प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब संग्रहण दर 5500 रुपये दिया जाएगा. ⁠

साव ने कहा, तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू होगी. 75 फ़ीसदी राशि शासन द्वारा और 25 फ़ीसदी राशि लघु वनोपाज संघ द्वारा वित्तीय अनुदान दिया जाएगा. ⁠महतारी वंदन योजना पर मुहर लगाई गई है. समाज में महिलाओं के विरुद्ध भेदभाव को सुधार लाने के उद्देश्य से तथा आर्थिक स्वालम्बन के लिए इस योजना को शुरू करना तय किया गया है. वहीं ⁠21 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित महिलाओं को 12-12 हजार रुपए सालाना दिया जाएगा. विधवा, परित्यता महिलाओं को भी योजना का लाभ दिया जाएगा.

कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अगस्त 2023 में जारी अधिसूचना में किए गए संशोधन को निरस्त कर पूर्ववत् किए जाने का निर्णय लिया गया. अगस्त 2023 में उक्त नियम में यह संशोधन किया गया था कि विभागीय जांच उपरांतए शास्ति प्रभावशील होने अथवा अपराधिक प्रकरण में न्यायालय द्वारा दंडित होने पर संविदा नियुक्ति के लिए अपात्र होंगे. इस संशोधन से ऐसे सेवानिवृत्त शासकीय सेवक जिनके विरूद्ध विभागीय जांच या अभियोजन के प्रकरण विचाराधीन अथवा प्रचलित है उन्हें भी संविदा नियुक्ति की पात्रता बन रही थी, जिसे मंत्रिपरिषद ने उचित नहीं मानते हुए इसे निरस्त कर संविदा नियम 2012 के प्रावधान को यथावत करने का निर्णय लिया है.

मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य में भारत (बीएच) सीरीज के वाहन पंजीयन लागू कराए जाने का निर्णय लिया है. भारत सरकार द्वारा लागू बीएच सीरीज के तहत दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए एक बार में दो वर्ष का टैक्स जमा कराना होगा. छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया.

संविदा नियुक्ति के लिए बड़ा फैसला लिया गया. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अगस्त 2023 में जारी अधिसूचना में किए गए संशोधन को निरस्त कर पूर्ववत किए जाने का निर्णय लिया गया है.

 

अगस्त 2023 में उक्त नियम में यह संशोधन किया गया था कि विभागीय जांच उपरांत, शास्ति प्रभावशील होने अथवा अपराधिक प्रकरण में न्यायालय द्वारा दंडित होने पर संविदा नियुक्ति के लिए अपात्र होंगे. इस संशोधन से ऐसे सेवानिवृत्त शासकीय सेवक जिनके विरूद्ध विभागीय जांच या अभियोजन के प्रकरण विचाराधीन अथवा प्रचलित है उन्हें भी संविदा नियुक्ति की पात्रता बन रही थी. इसे मंत्रिपरिषद ने उचित नहीं मानते हुए निरस्त कर संविदा नियम 2012 के प्रावधान को यथावत करने का निर्णय लिया है.

 

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