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आंसू गैस से निपटने को गीली बोरी-स्प्रे पंप और PPE किट का सहारा; ड्रोन रोकने को अपनाया ये तरीका

दिल्ली। शंभू बॉर्डर पर किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच बुधवार को भी कई बार टकराव हुआ। किसान बॉर्डर पार तो नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने हरियाणा पुलिस व अर्धसैनिक बलों की कार्रवाई करने के लिए कई तरीके निकाल लिए हैं। पतंगें उड़ाकर सुरक्षाबलों के ड्रोन गिराए जा रहे हैं।

आंसू गैस के गोलों पर पानी में भीगी बोरियां डाल उन्हें बेअसर किया जा रहा है। किसान गैस का असर कम करने के लिए स्प्रे पंप का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। रबड़ की गोलियों से बचने के लिए किसानों ने फुल बॉडी प्रोटेक्टर पहने हैं। केमिकल मिले हुए पानी की बौछारों से बचने के लिए पीपीई किट पहन कर बचाव किया जा रहा है।

इसके अलावा चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी लगाकर भी आंसू गैस के गोलों का असर कम किया जा रहा है।पानी की बौछारों से बचने के लिए ट्रैक्टरों को माॅडीफाई किया गया है। उनके बाहर विशेष प्रकार की शील्ड लगाई गई है। आंसू गैस से निपटने के लिए बाॅर्डर पर बड़े पंखे भी लगाए हैं, जिससे धुएं से बचा जा सके।
स्प्रे पंप से पानी की बौछारों के लिए टैंकरों का भी प्रबंध किया गया है। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि मंगलवार को किसानों के पास 50 के करीब पानी के टैंकर थे। अब 30 टैंकरों का और प्रबंध किया जा रहा है।

पहली बार ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े गए
आंसू गैस के गोले गिराने के लिए ड्रोन का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू बैरियर पर प्रदर्शनकारी किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराए। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने और उन्हें बैरिकेडिंग तक पहुंचने से रोकने के लिए मंगलवार को 4,500 आंसू गैस के गोले दागे गए।

हरियाणा सरकार ने करनाल स्थित ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्य) द्वारा बनाए गए ड्रोन का इस्तेमाल किया। हरियाणा पुलिस की ओर से इस्तेमाल किया गया ड्रोन पंप गन के मुकाबले एक बार में कई आंसू गैस के गोले गिरा सकता है। अधिकारी ने कहा कि इस्तेमाल हथगोले से चोट लगने की संभावना भी न्यूनतम है। एक अधिकारी के मुताबिक कई बार देखा गया है कि जब पंप गन से आंसू गैस के गोले छोड़े जाते हैं तो वापस सुरक्षाबलों पर फेंक दिया जाता है।

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