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आज का इतिहास 1 मार्च : आज ही के दिन हुआ था सबसे विनाशकारी ‘हाइड्रोजन बम’ का परीक्षण

इतिहास के नजरिये से हर दिन खास है. इसी कड़ी में आइये जानते हैं 1 मार्च के इतिहास के बारे में. 1 मार्च साल 1954 ये वो दिन था जब दुनिया के सबसे शक्तिशाली बम यानी कि ‘हाइड्रोजन बम’ का परिक्षण किया गया था. इसे मानव इतिहास का अब तक का सबसे भयानक विस्फोट माना जाता है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस बम के विस्फोट की तीव्रता हिरोशिमा को नष्ट करने वाले परमाणु बम से भी कई गुना ज्यादा थी.

इतिहास के दूसरे हिस्से में बात ‘भारतीय रेल’ की करेंगे. 1 मार्च साल 1969 को आज ही के दिन देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ‘ब्रॉडगेज लाइन’ पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई थी. हालांकि देश की पहली ट्रेन 16 अप्रैल साल 1853 में छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से ठाणे के बीच चलाई गई थी, यह 35 किलोमीटर की दूरी तक चलाई है. इसी के ठीक तीन साल बाद देश में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए, इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई गईं, पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई.

इतिहास के तीसरे अंश में बात विज्ञान की करेंगे. 1 मार्च साल 1896 में फ्रांस के भौतिक वैज्ञानिक हेनरी बेकेरेल ने ‘रेडियधर्मिता’ की खोज की थी. ये खोज एक दुर्घटनावश हुई थी. दरसअल हेनरी ने फोटोग्राफिक प्लेट को काले कागज में लपेटा और अंधेरे में चमकने वाले फॉस्फोरेसेंट सॉल्ट को उस पर डाला. इसके बाद यूरेनियम सॉल्ट का इस्तेमाल करते ही प्लेट काली हो गई. इन रेडिएशन को बेकेरल किरणें कहा गया. साफ़ था कि प्लेट का काला होना फॉस्फोरेसेंट से नहीं जुड़ा है क्योंकि प्लेट अंधेरे में रखे होने के बाद भी काली हुई थी. अनुमान था कि किसी तरह का रेडिएशन है जो कागज पार कर सकता है व प्लेट काली कर सकता है. बेकेरल ने प्लेट्स डेवलप की और पाया कि तस्वीरें साफ हैं. इससे पता चला कि बिना बाहरी ऊर्जा के यूरेनियम ने रेडिएशन छोड़ा. यही रेडियोधर्मिता की पहली जानकारी थी.

देश- दुनिया में 1 मार्च का इतिहास
1640: ब्रिटेन को मद्रास में बिजनेस सेंटर बनाने की इजाजत मिली.

1775: अंग्रेज हुकूमत और नाना फडनवीस के बीच पुरंधर की संधि पर हस्ताक्षर किए गए.

1909: टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की स्थापना.

1919: महात्मा गांधी ने रॉलट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह शुरू करने की इच्छा जाहिर की.

1954: अमेरिका ने बिकिनी द्वीप पर हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया. इसे मानव इतिहास का उस समय तक का सबसे शक्तिशाली विस्फोट बताया गया.

 

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