अपने बच्चों का दिमागी विकास चाहते हैं तो उनको ज्यादा शुगर खिलाने से परहेज करें. नई रिसर्च में बताया गया है कि शुगर का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों की याद्दाश्त और सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है. बच्चे अधिक शुगर के सबसे ज्यादा उपभोक्ता होते हैं, यहां तक कि अधिक शुगर वाली डाइट का संबंध स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मोटापा और दिल की बीमारी के अलावा याद्दाश्त के खराब काम से जोड़ा गया है.
जॉर्जिया यूनिवर्सिटी की रिसर्च बताती है कि शुगर का ज्यादा इस्तेमाल विशेषकर सीखने और याद्दाश्त से जुड़े अहम हिस्से हिप्पोकैम्पस पर नकारात्मक असर डालता है. वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग कर शुगर के ज्यादा इस्तेमाल के नुकसान को साबित किया है. चूहों को प्रति दिन मीठा ड्रिंक्स का इस्तेमाल कराया गया. रिसर्च के दौरान पता चला कि आदत की वजह से बचपन में सीखने और याद्दाश्त के सामान्य काम पर नकारात्मक असर पड़ा.
ज्यादा शुगर से पेट की बैक्टीरिया में ऐसे बदलाव आते हैं जो याद्दाश्त में गिरावट की वजह बनती हैं. चूहों के बच्चों को सामान्य खुराक के साथ शुगर से बना सॉल्यूशन इस्तेमाल कराया गया जो आम मीठे ड्रिंक्स की तरह होता है. उसके बाद उन चूहों से हिप्पोकैम्पस आधारित काम कराए गए. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन चूहों ने शुरुआती जिंदगी में शुगर का इस्तेमाल किया, उनकी सामग्री के अंतर करने की क्षमता प्रभावित हुई जबकि चीनी से दूर रहनेवाले चूहों पर प्रभाव नजर नहीं आए.
उन्होंने नतीजा निकाला कि बचपन में शुगर का ज्यादा इस्तेमाल जाहिर तौर पर सीखने और याद्दाश्त की क्षमता को प्रभावित करता है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत बताई, जिससे पेट और दिमाग के बीच संबंध की पहचान की जा सके. उन्होंने कहा, “अब साल ये है कि आंत की बैक्टीरिया कैसे दिमाग के विकास को खराब करता है?”