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आंदोलन के नियमों के खिलाफ भाजपा का आंदोलन

छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कोर ग्रुप की बैठक आयोजित की। इस बैठक में पार्टी के अध्यक्ष विष्णु देव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह मौजूद रहे। इस बैठक में तय किया गया कि जल्द ही भाजपा पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी। ये आंदोलन, हाल ही में गृह विभाग की तरफ से जारी किए गए आंदोलन की अनुमति के नए नियमों के खिलाफ होगा। भाजपा ने इन नियमों को काला कानून बताया है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा, अगर अभिव्यक्ति की आजादी को प्रतिबंधित करने वाले ‘काले कानून’ को वापस नहीं लिया गया तो भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतागण और सभी कार्यकर्ता जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन व जेल भरो आंदोलन करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए हम मांग करेंगे कि इन नियमों को रद्द किया जाए, ये तो बोलने की स्वतंत्रता का हनन है।

बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष धरम लाल बोले- वादाखिलाफी की वजह से कर्मचारियों में असंतोष है। वो सड़कों पर आए तो विभाग ने नया नियम लागू कर दिया। ये तो किसी की आवाज को दबाने का काम है। इसमें धार्मिक, सार्वजनिक, राजनीतिक कार्यक्रमों को टारगेट किया गया है। अब किसी के यहां शादी होगी लोग जुटेंगे तो क्या वो दफ्तरों के चक्कर काटेगा अनुमति लेने। हम पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे। नए नियम नहीं चलेंगे।

इस वजह से बवाल

अब किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे कि धरना-प्रदर्शन, रैली को आयोजित करने से पहले कलेक्टर दफ्तर में एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसका बाकायदा एक प्रारूप तैयार किया गया है। ये फॉर्म एसडीएम कार्यालय से आवेदन करते वक्त लिया जा सकेगा। इसमें आयोजक के पूरी जानकारी ली जाएगी। आयोजन किस तारीख से किस तारीख तक चलेगा, कहां होगा, अगर रैली हुई तो उसका रूट क्या होगा, रैली में कौन लोग शामिल होंगे, कहां से आएंगे कौन सी गाड़ियों से आएंगे, पूरे आयोजन का मकसद क्या है। इस तरह के 11 सवालों के जवाब के साथ फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह अनुमति देगा या नहीं। बिना अनुमति के कार्यक्रम किया तो आयोजकों पर एफ आई आर दर्ज की जाएगी।

 

 

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