कोविड की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम काफी बढ़ गए हैं. बीमा क्लेम की रफ्तार का आलम यह है कि 1 अप्रैल से अब तक वित्त वर्ष 2020-21 के 57 फीसदी क्लेम फाइल किए जा चुके थे. गैर-जीवन बीमा कंपनियों के ग्राहकों की ओर से इंश्योरेंस क्लेम के दावे में काफी तेजी आई है. इसका बीमा कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है.
कंपनियों की बैलेंस-शीट पर भारी दबाव
31 मार्च, 2021 के आंकड़ों के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा कंपनियों समेत तमाम गैर-जीवन बीमा कंपनियों के सामने सिर्फ कोविड ट्रीटमेंट के भुगतान के लिए 14,561 करोड़ रुपये के 9.9 लाख क्लेम फाइल किए गए थे. 4 मई 2021 तक क्लेम बढ़ कर 22,955 करोड़ रुपये का हो गया था. इसका मतलब यह कि पहले 44 दिनों के भीतर कोविड क्लेम बढ़ कर 8,385 करोड़ रुपये का हो गया था जो वित्त वर्ष 2020-21 का 57 फीसदी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक न्यू इंडिया एश्योरेंस के चेयरमैन अतुल सहाय ने कहा कि पिछले साल भी क्लेम बढ़े थे लेकिन हमारी बैलेंसशीट पर इतना दबाव नहीं था. लेकिन इस बार कोविड केस की वजह से क्लेम काफी बढ़ेहैं और कोरोना कवच पॉलिसी के मामले में कंपनियों को घाटा हो रहा है. हालांकि कंपनी अपना प्रीमियम नहीं बढ़ाने जा रही .
टियर-2 और टियर-3 शहरों से क्लेम बढ़े
बजाज अलायंज के मुताबिक अब ज्यादातर क्लेम टियर-2 और टियर-3 शहरों से आ रहे हैं. अप्रैल और मई में कोरोना के मामले काफी बढ़ गए हैं. दरअसल कोरोना के बढ़ते मामलों और हेल्थकेयर सुविधाओं में कमी को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस का सहारा ले रहे हैं इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों पर क्लेम का दबाव काफी बढ़ गया है.
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