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देशभर में बढ़ सकती हैं दूध की कीमतें, जानिए वजह

नई दिल्ली, पहले से ही महंगाई (Inflation) की मार झेल रहे लोगों की जेब और बोझ बढ़ सकता है।  खबर की दूध की कीमतों (Milk Price Hike) में एक बार फिर से इजाफा हो सकता है। भारत में थोक दूध की कीमतों में सालाना आधार पर 5.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जैसे-जैसे दूध की मांग (Milk Demand) बढ़ेगी, लोगों को दूध के लिए अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। भीषण गर्मी के दौरान भारत में दूध की मांग में तेजी देखी गई। दक्षिण भारत में दूध की कीमतों में साल-दर-साल आधार पर 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।

इस वजह से बढ़ेंगी कीमतें

ICICI Securities के विश्लेषकों का मानना ​​है कि थोक कीमतों में इजाफा दूध की बढ़ती खपत और भीषण गर्मी के कारण हुआ है. मवेशियों (Cattle) के चारे की कीमतों में वृद्धि ने दूध की खरीद कीमतों को ऊपर पहुंचा दिया है। भारत में डेयरी कंपनियों ने पिछले पांच महीनों में दूध की बिक्री कीमतों में लगभग 5-8 फीसदी की बढ़ोतरी की है। ब्रोकरेज फर्म ने शुक्रवार को एक नोट लिखकर जानकारी दी कि हमारा मानना है कि डेयरी कंपनियों को दूध की खरीद की कीमतों को बढ़ाने के लिए आने वाली तिमाहियों में फिर से बिक्री कीमतों को बढ़ाने की जरूरत है।

उत्‍तर प्रदेश की गौशालाओं में भी पशुओं के चारे का संकट गहरा गया है। इसी के चलते सूबे के सभी जिलाधिकारियों से करीब दो लाख टन भूसा दान में लेने का लक्ष्य रखा गया है। इन सबके बीच केंद्र सरकार में पशुपालन मंत्री संजीव बालियान ने कहा है कि कई किसानों ने भूसे का दाम बढ़ने की शिकायत की है, जिस वजह से किसानों को अपने मवेशी बेचने पड़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया है कि इस स्थिति को वो ठीक कर देंगे।

कंपनियों की कमाई में इजाफा

पिछले 12 महीनों में वैश्विक स्तर पर स्किम्ड मिल्क पाउडर (SMP) की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है. डेयरी कंपनियों को बढ़ती कीमतों से फायदा होने की उम्मीद है, क्योंकि कंपनियों की रेवेन्यू में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. लेकिन खरीद कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ परिवहन और पैकेजिंग लागत के कारण उनके ऑपरेटिंग फ्रॉफिट को झटका लग सकता है और ये इस वित्त वर्ष में लगभग 5 फीसदी हो सकता है।

दूध की बढ़ी मांग

क्रिसिल (CRISIL) के निदेशक आदित्य झावेर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस गर्मी में अधिक गर्म तापमान के कारण आइसक्रीम, दही और फ्लेवर्ड दूध की मांग चरम पर होगी. पिछली दो गर्मियां कोविड-19 (Covid) से प्रभावित थीं. घरेलू खपत आधारित उत्पादों जैसे घी और पनीर के लिए स्थिर मांग वृद्धि के साथ-साथ होटल, रेस्तरां और कैफे में भी दूध के प्रोडक्ट (Milk Products) की मांग में सुधार हुआ है. साथ ही पिछले वित्त वर्ष की कीमतों में बढ़ोतरी से इस वित्त वर्ष में13-14 फीसदी तक राजस्व में वृद्धि होगी.

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