नई दिल्ली। अनुकंपा नियुक्ति के नियमेों को लेकर लंबे समय से बदलाव की आवश्यता थी। इससे बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को लाभ से वंचित होना पड़ रहा था। अब नई नीति से अनुकंपा नियुक्ति की आस लगाए केंद्रीय कर्मचारियों की परिजनों को लाभ होगा।
जानकारी अनुसार गृह मंत्रालय ने अनुकंपा नियुक्तियों संबंधी अपनी नीति में बड़ा बदलाव किया है। अब सेवा के दौरान मरने वाले और चिकित्सा आधार पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के परिजनों को भी अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। ऐसे कर्मचारियों के परिवारों को गरीबी से मुक्ति दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
संशोधित नीति से केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले सभी कर्मचारियों को लाभ होने की उम्मीद है। इनमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मचारी भी शामिल हैं, जो अक्सर आतंकवादी हमलों, झड़पों और आत्महत्याओं के शिकार होते हैं। गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकंपा आधार पर नौकरी प्रदान करना है।
यह नौकरी उन कर्मचारियों के आश्रितों को दी जाएगी जिनकी सेवा के दौरान मृत्यु हुई या जो चिकित्सा कारणों से यानी खराब सेहत के आधार पर रिटायर हुए हैं। इसका मकसद उनके परिवार को गरीबी और आजीविका विहीन होने से राहत प्रदान करना है। इससे संबंधित कर्मचारियों के परिवारों को वित्तीय अभाव से और आपातकाल से उबरने में मदद मिलेगी।
इससे आएगी नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता
इस संबंध मं एक अधिकारी ने कहा कि नए दिशा-निर्देश से अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी। पारदर्शिता और निष्पक्षता अनुकंपा नियुक्ति योजना में सबसे अहम है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि परिवार की वित्तीय स्थिति का समग्र मूल्यांकन, कमाने वाले सदस्यों, परिवार के आकार, बच्चों की उम्र और जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नियुक्ति का फैसला किया जाना चाहिए। इसमें एक परिवार की वित्तीय जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। नई नीति कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।
अनुकंपा नियुक्ति के दिशा-निर्देश
कल्याण अधिकारी मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दिलाने में सहायता करेगा।
प्राप्त आवेदनों के मूल्यांकन के लिए विभिन्न बिंदुओं पर आधारित योग्यता योजना अपनाई जाएगी।
प्रत्येक आवेदन को एक विशिष्ट आईडी प्रदान किया जाएगा। इसके बाद छानबीन कमेटी आवेदन की जांच करेगी।
आवेदक को पहले चरण में व्यक्तिगत रूप से बुलाया जाएगा। उन्हें व्यक्तिगत रूप से पूरी की जाने वाली कागजी खानापूर्ति के बारे में सलाह दी जाएगी।
आवेदनों पर मंत्रालय में उप सचिव या निदेशक के पद के तीन अधिकारियों- एक अध्यक्ष और दो सदस्यों वाली एक समिति द्वारा विचार किया जाएगा।
समिति की सिफारिश को निर्णय के लिए सक्षम प्राधिकारी के समक्ष रखा जाएगा।
समिति परिवार की कुल वार्षिक आय, आश्रित नाबालिग बच्चों की संख्या, आश्रित परिवार के सदस्यों में से एक या अधिक व्यक्ति विकलांग होने पर, अविवाहित बेटियों की संख्या से विभिन्न पहलुओं पर विचार कर फैसला करेगी।