बिलासपुर, बिलासपुर CMHO (मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी) पद पर दो अधिकारियों के दावे को लेकर चल रहा विवाद मंगलवार को समाप्त हो गया। शासन ने आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि डॉ. अनिल श्रीवास्तव CMHO हैं। वहीं, डॉ. प्रमोद महाजन को CMHO के पद से कार्यमुक्त करते हुए बिलासपुर संभाग के जेडी (संयुक्त संचालक स्वास्थ्य) की जिम्मेदारी साैंपी गई है।
एक माह पूर्व शासन की ओर से जारी आदेश में डॉ. प्रमोद महाजन को CMHO के पद से कार्यमुक्त करते हुए डॉ. अनिल श्रीवास्तव को जिम्मेदारी दी गई थी। इस पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए शासन से जवाब मांगा था। इसके बाद से दोनाें अधिकारी CMHO होने का दावा करते हुए काम कर रहे थे। इसकी वजह से विवाद और असमंजस की स्थिति बन गई थी। वहीं, मंगलवार को राज्य शासन ने नया आदेश जारी किया। इसमें डा. महाजन को जेडी के पद पर पदस्थ किया गया है। वहीं, डॉ. अनिल श्रीवास्तव CMHO बनाया गया है।
हाई कोर्ट को लेना है निर्णय: डॉ. महाजन
मामले में डा. प्रमोद महाजन का कहना है कि अभी तक शासन ने हाई कोर्ट को जवाब प्रस्तुत नहीं किया है। शासन को पहले हाई कोर्ट को जवाब प्रस्तुत करना है। कोर्ट को मामले में निर्णय लेना है। हालांकि इस आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। विभागाध्यक्ष को लेकर स्थिति स्पष्ट होने के बाद आदेश के पालन को लेकर कोई असमंजस नहीं रहेगा।
ये है विवाद का मुख्य कारण
बिलासपुर की संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. मधुलिका सिंह को शासन ने मुंगेली CMHO बनाया था। इसकी वजह से बिलासपुर में जेडी का पद रिक्त हो गया। शासन ने 10 मार्च 2022 को एक आदेश जारी कर बिलासपुर CMHO डॉ. प्रमोद महाजन को ही जेडी का प्रभार सौंपा। इसके बाद 26 जून को शासन ने डॉ. प्रमोद महाजन को CMHO के पद से हटाते हुए रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव को CMHO बना दिया। इस आदेश में लिखा गया कि डॉ. अनिल श्रीवास्तव के कार्यभार लेने के बाद डॉ. महाजन कार्य मुक्त होंगे। लेकिन उस आदेश में यह स्पष्ट नहीं था कि वे कार्य मुक्त होकर कहां कार्य करेंगे। इसी को लेकर डॉ. महाजन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
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