स्टील की एक बाल्टी, बाल्टी में हरे बैंगन और एक हंसिया, बैंगन के नीचे छिपाई गई प्लास्टिक की बॉटल,ऊपर से उसका ढक्कन बंद और नीचे का हिस्सा कटा हुआ। बॉटल के अंदर एक पुरानी सी थैली में सोने के बिस्किट रखे थे। एक-दो नहीं, बल्कि 21।
BSF ने इनका वजन करवाया तो 2.45 किलो निकला। कीमत 1 करोड़ 26 लाख रुपए। पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में BSF की मामा भगीना फ्लोटिंग बॉर्डर आउटपोस्ट के जवानों ने इसी महीने 9 सितंबर को ये सोना पकड़ा है। BSF ने सोना कस्टम के हवाले कर तस्कर पुलिस को सौंप दिया।
सोने की यह तस्करी पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर चल रही है। यहां जूतों, थैलियों और टिफिन में रखकर करोड़ों का सोना भारत लाया जा रहा है। भारत और बांग्लादेश 4096 किमी का बॉर्डर साझा करते हैं। यह दुनिया का 5वां सबसे बड़ा जमीनी बॉर्डर है।
बांग्लादेश में इसके 26 रैकेट एक्टिव
सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) के एक रिटायर्ड ऑफिसर के मुताबिक भारत और बांग्लादेश के बीच गोल्ड तस्करी पहले से ज्यादा बढ़ गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह भारत में गोल्ड ड्यूटी 7.5 से बढ़कर 12.5% होना है। 2.5% का सेस भी है। गोल्ड के मेन सोर्स दुबई, सिंगापुर, मलेशिया और साउथ अफ्रीका हैं। ज्यादातर गोल्ड ढाका के हजरत शाह जलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आता है। कुछ म्यांमार से भी आता है। हुंडी या मनी एक्सचेंजर और कुछ गोल्ड रैकेट इसमें शामिल हैं। बांग्लादेश पुलिस के मुताबिक बांग्लादेश में इसके 26 रैकेट एक्टिव हैं।
कोलकाता के ट्रेडर दीपक कुमार आचार्य, मुंबई के दिनेश मांगीलाल, जिग्नेश कुमार और सुरेश कुमार बांग्लादेश में अरेस्ट हुए। इन्हें 2018-19 में पकड़ा गया था। नेपाली ट्रेडर गौरंगा रोशन को भी कुछ साल पहले अरेस्ट किया गया था। इससे साबित होता है कि गोल्ड ट्रेडर्स के इशारों पर ही गोल्ड स्मगलिंग चल रही है। बीते 5 साल में बांग्लादेश के इंटेलिजेंस ने 2.5 टन सोना रिकवर किया है। BSF ने 133 किलो सोना बीते 3 साल में रिकवर किया। बांग्लादेश में देबकुमार दास नाम के शख्स को 13 किलो सोने के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसने खुद को कोलकाता के न्यू मार्केट थाने के चांदनी चौक का गोल्ड ट्रेडर बताया था। अब तक उसकी दुकान नहीं खोजी जा सकी है। उसके स्टेटमेंट के आधार पर बांग्लादेश पुलिस ने अवामी लीग के पूर्व सांसद काजी सिराजुल इस्लाम और दूसरे नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था।
ट्रेडर फिक्स करवाते हैं रेट
कुछ एक्सचेंजर हैं। जैसे भाई-भाई मनी एक्सचेंज चलाने वाले मिजानुर रहमान और पैरामाउंट मनी एक्सचेंज के ओनर जहांगीर। ये भी बांग्लादेश सरकार की नजर में हैं। पकड़े गए कुछ लोगों ने पूछताछ में इनका नाम बताया था। पिछले 5 साल में बांग्लादेश पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में लिया और 35 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एयरपोर्ट स्टाफ भी शामिल है।
बंगाल के गोल्ड मर्चेंट्स साल में दो-तीन बार बांग्लादेश जाते हैं। यह टूर रिश्तेदारों से मिलने के नाम पर होता है। ट्रेडर्स खुद सीधे तौर पर स्मगलिंग नहीं करते, बल्कि उनके एजेंट्स तय हैं। भारत में 22 से 24 कैरेट क्वालिटी वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 48 हजार से 50 हजार रुपए के बीच है। वहीं दुबई, बैंकॉक से बांग्लादेश होते हुए जो सोना भारत आता है, वह 30 से 35 हजार में मिल जाता है। यानी सीधे 15 हजार रुपए का अंतर तो यहीं है। डिमांड और सप्लाई के हिसाब से रेट ऊपर-नीचे होता रहता है। ट्रेडर अपने एजेंट्स के जरिए बांग्लादेश में रेट फिक्स करवाते हैं।
सोने के कारोबारी नहीं चाहते कि CCTV कैमरे लगें
2013-14 में हुमायूं कबीर के SP रहने के दौरान पुलिस ने खागरा में ओपन एरिया को CCTV से कवर करने का प्रपोजल दिया था। गोल्ड मर्चेंट्स ने इसका विरोध किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बॉर्डर पार से आने वाले सोने पर उनकी कितनी डिपेंडेंसी है।
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