तिरंगे के रंग में रंगा पूरा शरीर, हेयर स्टाइल भारत के नक्शे वाली और हाथों में विशाल तिरंगा। क्रिकेट के स्टेडियम में जब तक ये शख्स नहीं दिखता मैच का मजा पूरा नहीं होता। यह शख्स हैं सुधीर चौधरी। बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले सुधीर इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हैं। रोड सेफ्टी वर्ल्ड क्रिकेट सीरीज में टीम इंडिया लीजेंड्स को चीयर करने पहुंचे हैं ।
बात साल 2001-02 की है। बचपन से ही क्रिकेट के दिवाने सुधीर तब कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। सुधीर चौधरी इंटर कॉलेज क्रिकेट खेला करते थे। मशहूर स्टेडियम ईडन गार्डन में इंग्लैंड से भारत का क्रिकेट मैच होना था तब पहली बार लाइव मैच देखा था । साल 2002 में ऐसे ही स्टेडियम पहुंचकर सचिन से मिलना चाहते थे मगर तब टेनिस एल्बो चोट की वजह से सचिन विदेश चले गए।
कुछ महीने बाद साइकिल से मुंबई जाकर सुधीर में सचिन से मुलाकात की। फैन की ये दीवानगी देखकर सचिन ने उन्हें मैच का एंट्री पास दे दिया। बस इसके बाद यह सिलसिला आज तक जारी है । अब सचिन हमेशा सुधीर को मैच के पास देते हैं । मैच में सुधीर की वीआईपी एंट्री होती है। तेंदुलकर की दीवानगी सुधीर पर इस कदर हावी है कि उन्होंने अपना ग्रेजुएशन बीच में ही छोड़ दिया और अब वह सिर्फ क्रिकेट के बिग फैन की जिंदगी जीते हैं।
बस क्रिकेट ही मेरा काम
सुधीर ने बताया कि वह कुछ पार्ट टाइम काम कर लिया करते हैं । मगर इनकी आय का तय साधन नहीं है । यह पूछे जाने पर कि घर कैसे चलता है सुधीर ने साफ कह दिया कि उनका फाइनेंशली कोई आधार नहीं है । वह क्रिकेट की मस्ती में ही रहते हैं । परिवार के अन्य लोग कामकाज देखते हैं दोस्त रिश्तेदार उनके आने जाने का घूमने का खर्च भी उठाते हैं । कभी किसी स्पोर्ट्स सीरीज में किसी तरह के विज्ञापन की शूटिंग हो तो सुधीर को कुछ पैसे मिल जाते हैं।
क्रिकेट को ही अपना लाइफ पार्टनर बना लिया
सुधीर ने क्रिकेट की दीवानगी की वजह से शादी नहीं की । कई रिश्ते आए उन्होंने ठुकरा दिया। घर वाले भी इनका क्रिकेट के प्रति दीवानापन देखकर इनसे शादी करने को भी नहीं कहते। सुधीर खुद ऐलान कर चुके हैं कि उन्होंने क्रिकेट को ही अपना लाइफ पार्टनर बना लिया है। सुधीर कहते हैं कि जब क्रिकेट ही मेरी जिंदगी है तो किसी और को लाइफ पार्टनर क्यों बनाऊं।
तैयार होने में 8 घंटे लगते हैं
सुधीर ने बताया कि अपने शरीर पर जो पेंट को लगाते हैं वह एनामेल पेंट होता है । पूरी बॉडी को तिरंगे के रंग में रंगने चक्र बनाने तेंदुलकर लिखने में लगभग 7 घंटे का वक्त लगता है । इसके बाद 1 घंटे लगते हैं अपने बालों को रंगने में और चेहरे पर तिरंगा बनाने में। करीब 8 घंटों तक सुधीर इसी तरह तैयार होते हैं । मैच खत्म हो जाने के बाद 2 से 3 घंटे इस कलर को साफ करने में भी लगते हैं।
सचिन के लिए जिंदगी कुर्बान
बुधवार को रायपुर में खेले गए मैच में टॉस से पहले लगभग 1 घंटे तक विशाल तिरंगे को सुधीर एक तेजी से फहराते रहे । बिना रुके बिना थके पूरे मैच में टीम को चियर किया। अगले दिन गुरुवार को जब मैच हुआ तब भी घंटों तक सुधीर यह करते रहे और पूरे मैच के दौरान इसी जोश के साथ तिरंगा फहरा कर टीम का हौसला बढ़ाया। यह पूछे जाने पर कि क्या आप थकते नहीं हैं ? सुधीर ने कहा – दिल में सचिन तेंदुलकर को लेकर इतना प्रेम है कि थकान महसूस नहीं होती, अब जिंदगी क्रिकेट और सचिन के लिए कुर्बान है। जब तक जिंदा रहूंगा इसी तरह तिरंगा फहराकर टीम इंडिया का हौसला बढ़ाता रहूंगा।
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