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दुर्ग : पटाखे व खिलौने भी पहुंचा सकते हैं बच्चों की आंखों को नुकसान

दुर्ग, विगत दिनों चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृत्ति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में विश्व दृष्टि दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यशाला व संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधिष्ठाता, डॉ. पी. के पात्रा व अध्यक्ष अस्पताल अधीक्षक, डॉ. अतुल मनोहरराव देशकर थे। कार्यक्रम में बच्चों की आँखों की देखभाल व नवजात शिशुओं की नेत्र-रक्षा सम्बंधी जानकारी दी गई। इस विषय पर नेत्र-रोग विभाग की विभागध्यक्ष, डॉ. लिपी चक्रवर्ती ने बच्चों की आंखों में सफेद प्रतिबिंब के कारणों जैसे अनुवांशिक मोतियाबिंद, ट्यूमर रेटिनोब्लास्टोमा, रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्यूरीटी के बारे में बताया। उन्होंने प्रदर्शन कर समझाया कि किस तरह सामान्यजन, अभिभावक व अस्पतालकर्मी नवजात का दृष्टि परीक्षण टॉर्च एवं अन्य आसान तरीकों से कर सकतें हैं और आई ड्रॉप को सही विधि से डाल सकतें हैं।

डॉ.अंजना चौधरी नवजात शिशुओ की आँखों की बीमारियों का गर्भवस्था में पहचान व उनके निदान के बारे में बताया

शिशु रोग विभागध्यक्ष, डॉ. ओमेश खुराना ने दो वर्ष तक बच्चों को मोबाइल नहीं देखने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने बच्चो के लिए माता-पिता को सर्वदा मुलायम खिलौने खरीदना, पटाखों से दूरी रखना, जन्मदिन-केक पर स्पार्कलर कैंडल का प्रयोग न करने के बारे में जागरूक किया। स्त्री-रोग विभागय्यक्ष डॉ. अंजना चौधरी ने समय से पहले जन्म लेने वाले नवजात शिशुओ की आँखों की बीमारियों का गर्भवस्था में पहचान व उनके निदान के बारे में बताया। इस कार्यशाला में अस्पताल के विभागाध्यक्ष, नर्सिंग इन्चार्ज सिस्टर्स व इंटर्स ने भाग लिया। कार्यक्रम में विषय सम्बन्धित प्रश्नोत्तरी स्पर्धा आयोजन कर, आकर्षक पुरुस्कार दिए गये। वर्तमान में प्रदेश का ये चिकित्सा महाविद्यालय आम जनता में स्वस्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए लगातार ऐसे कार्यक्रम और कैंप का आयोजन कर रहा है। इससे अंचल के रोगियों में अपने स्वस्थ के प्रति नव चेतना का प्रसार हुआ है।

 

 

 

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