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म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों से निवेशकों का निकलना जारी, क्या आपको सीधे शेयरों में पैसा लगाना चाहिए ?

म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा इक्विटी फंडों में लगातार कम होता जा रहा है. रिटेल निवेशकों का इक्विटी फंडों से पैसा निकालना लगातार जारी है. नवंबर में यह आउटफ्लो अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया. भले ही शेयर बाजार रिकार्ड पर पहुंच गया हो लेकिन इक्विटी फंडों में निवेशकों का भरोसा कायम नहीं हो पा रहा है.

निवेशकों को यह भरोसा नहीं है कि शेयर बाजार में यह तेजी आगे बरकरार रहेगी, लिहाजा इक्विटी म्यूचुअल फंड के निवेशक अपना पैसा निकालते जा रहे हैं. नवंबर में इक्विटी फंड के निवेशकों ने 12,919 करोड़ रुपये निकाल लिए. यह पांचवां महीना था, जब म्यूचुअल फंड के इक्विटी निवेशकों ने पैसा निकाला है. पिछले कुछ महीनों के दौरान इक्विटी फंड के निवेशक 22,856 करोड़ रुपये निकाले हैं. हालांकि म्यूचु्अल फंड इंडस्ट्रीज का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. दरअसल शेयरों की कीमत बढ़ने और डेट फंड में इन-फ्लो बढ़ने की वजह से एयूएम में इतना ज्यादा इजाफा हुआ है. डेट फंड में 44,983 करोड़ का इन-फ्लो हुआ है.

विश्लेषकों का कहना है इक्विटी फंड से निवेशकों का पैसा निकालने का मतलब यह नहीं कि निवेशकों ने शेयरों में निवेश बंद कर दिया है. पिछले कुछ महीनों से निवेशक सीधे शेयरों में पैसा लगा रहे हैं. पिछले महीने एसआईपी निवेशकों का निवेश 7,800 करोड़ से घट कर 7,302 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. डेट और इक्विटी दोनों में निवेश करने वाले फंड से निवेशकों ने 5,249 करोड़ रुपये निकाल लिए. हालांकि फरवरी में मार्केट क्रैश होने के बाद इक्विटी म्यूचुअल फंड से तेजी से निवेशकों ने निकलना शुरू कर दिया था लेकिन बीच में निवेशक लौटे और अब इन फंडों ने अपना घाटा पूरा कर लिया. लेकिन पिछले कुछ महीनों से निवेशकों का इनसे निकलना भी जारी है.

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