देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का बुधवार को हुए एक हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया. इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका रावत का भी निधन हो गया. वह भी हादसे का शिकार हुए हेलिकॉप्टर में सवार थीं. इसके साथ ही एक सपने का अंत हो गया, जिसे जनरल रावत ने देखा था. दरअसल जनरल रावत ने सेना से रिटायर होने के बाद अपने पैतृक गांव में बसने की इच्छा जताई थी. लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी.
अधूरी रह गई उत्तराखंड के लाल की इच्छा
जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंण गांव के रहने वाले थे. सेना प्रमुख बनने के बाद जनरल रावत 29 अप्रैल 2018 को अपने गांव गए थे. उनके साथ पत्नी मधुलिका भी थीं. उसी समय उन्होंने कहा था कि रिटायर होने के बाद वो अपने गांव में ही रहेंगे. लेकिन हेलिकॉप्टर हादसे ने उनकी यह इच्छा नहीं पूरी होने दी.
पहाड़ के टेढ़ी-मेढ़ी पगड़ंडियों पर पैदल चलते हुए जनरल रावत और उनकी पत्नी अपने गांव सैण पहुंचे थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपने कुल देवता की पूजा-अर्चना की थी. इस यात्रा के दौरान जनरल रावत काफी भावुक नजर आए थे.
जनरल बिपिन रावत इसी महीने उत्तराखंड की यात्रा पर गए थे. पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 1 दिसंबर को आयोजित किया गया था. इसमें जनरल रावत भी शामिल हुए थे. यह उनकी उत्तराखंड की अंतिम यात्रा साबित हुई.
दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार
जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का शव गुरुवार को सेना के विमान से दिल्ली लाया जाएगा. जनरल रावत के अंतिम दर्शन के लिए उनका शव शुक्रवार को उनके आवास पर रखा जाएगा. लोग सुबह 11 से 2 बजे तक रावत को अंतिम सलामी दे पाएंगे. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार दोपहर दो बजे के बाद दिल्ली कैंटोनमेंट के ब्रार स्क्वायर श्मशान घाट पर किया जाएगा.
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