इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए काढ़ा पिछले डेढ़ साल से इस्तेमाल किया जानेवाला मिश्रण रहा है. हालांकि, काढ़ा तैयार करने की अलग-अलग रेसिपी है, इसके बावजूद इम्यूनिटी को बढ़ाने में उसका अच्छा असर है. सर्दी के मौसम में जुकाम और खांसी के खिलाफ काढ़ा हर किसी का लोकप्रिय है. लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. इस बीच, मानसून ने लोगों की चिंता में और इजाफा कर दिया है.
मानसून अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है. ऐसे कठिन समय में कमजोर इन्यूनिटी वाले लोगों को बीमारी की चपेट में आने का ज्यादा खतरा रहता है. इसलिए अपनी रोजाना की डाइट में स्वस्थ फूड्स को शामिल करने और बाहर खाने से बचने का सुझाव दिया जाता है. मौसमी बीमारियों से लड़ने का एक प्रभावी तरीका तुलसी और हल्दी का काढ़ा है. ये खास ड्रिंक इम्यूनिटी को मजबूत करती है और गले की खराश और जुकाम पर काबू पाने में मदद करती है.
काढ़ा बनाने की सामग्री और तरीका
काढ़ा बनाने के लिए आपको आधा चम्मच हल्दी, 8-12 तुलसी का पत्ता, 2-3 चम्मच शहद, 3-4 लौंग, 1 दालचीनी की जरूरत होगी. उसके बाद एक पैन लें और उसमें एक ग्लास पानी मिलाएं. अब हल्दी पाउडर, तुलसी की पत्तियां, लौंग और दालचीनी को शामिल करें. मिश्रण को 15 मिनट के लिए उबलने दें. 15 मिनट के बाद पानी को छान लें और गुनगुना होने दें. आप स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ा शहद मिला सकते हैं. उसके बाद दिन में दो से तीन बार इस काढ़ा को इम्यूनिटी सुधारने, फ्लू और जुकाम का इलाज करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
मानसून में काढ़ा पीने के फायदे
डायबिटीज के मरीज अपना ब्लड शुगर लेवल काबू में रखने के लिए ड्रिंक को पी सकते हैं. ये आपके शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. कब्ज और दस्त की समस्याओं को भी ड्रिंक पीकर हल किया जा सकता है. हल्दी-तुलसी के मिश्रण से बना काढ़ा गले की खराश और जुकाम से भी आपको राहत देता है. तुलसी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर आयुर्वेद में औषधीय दवा के तौर पर होता है. ये ऊर्जा लेवल को बढ़ाती है और तनाव से राहत देती है. तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट, सूजन रोधी और उम्र रोधी गुण होते हैं और शरीर में नुकसानदेह फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं.
One Comment
Comments are closed.