हिंदी पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के साथ ही शुरू होती है. इस बार नवरात्रि 7 अक्टूबर (Navratri 7th October) से शुरू हो रही है. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के विभिन्न- 9 स्वरूपों को समर्पित होते हैं. इसलिए नवरात्रि में अलग-अलग दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा अपने विभिन्न स्वरूपों में 9 अलग-अलग रंग के वस्त्र धारण करती हैं. इन 9 रंग के वस्त्रों अपना-अपना विशिष्ट महत्व होता है.
धार्मिक मान्यता है कि भक्त इन 9 दिनों में हर माता रानी के पसंद के कपड़े पहन कर उनकी पूजा करें तो वे बहुत जल्द प्रसन्न होकर उनपर अपनी कृपा बरसाती हैं. माता रानी की कृपा से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. उनकी सारी मनोकामना पूरी होती है.
नवरात्रि में रंगों के महत्व –
नवरात्रि का प्रथम दिन: इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इन्हें पीला रंग बेहद पसंद है. पीला रंग ज्ञान और विद्या का भव्य रंग है. यह सुख, शांति, अध्ययन, विद्वता, योग्यता, एकाग्रता और मानसिक बौद्धिक उन्नति का प्रतीक है. यह रंग ज्ञान की ओर प्रवृत्ति उत्पन्न करता है, नए-नए स्वस्थ विचार मन में पैदा करता है.
नवरात्रि का दूसरा दिन: इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. इन्हें हरा रंग अति प्रिय है. हरा रंग विश्वास, उर्वरता, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है. यह कई बीमारियों को भी दूर करता है.
नवरात्रि का तीसरा दिन: इस दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. माता रानी के इस स्वरूप को भूरा रंग बेहद पसंद है. यह दृढ़ता का प्रतीक है. भक्तों को भूरे रंग का कपड़ा पहन कर मां चंद्रघंटा की पूजा करनी चाहिए.
नवरात्रि का चौथा दिन: इस दिन मां कुष्मांडा के रूप की पूजा की जाती है. मां को नारंगी रंग पसंद है. नारंगी रंग राजसी गौरव और वीरता का प्रतीक होता है. मान्यता है कि इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र पहन कर पूजा करने से मां की कृपा बरसती है.
नवरात्रि का पांचवा दिन: इस दिन मां स्कंदमाता के रूप की पूजा की जाती है. इन्हें सफेद रंग बेहद प्रिय है. सफ़ेद रंग पवित्रता, शुद्धता, विद्या और शांति का प्रतीक है. इससे मानसिक, बौद्धिक और नैतिक स्वच्छता प्रकट होती है. इस दिन सफ़ेद वस्त्र पहन कर स्कंदमाता की पूजा करने सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.
नवरात्रि का छठवां दिन: इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां की लाल रंग पसंद है. लाल रंग मनुष्य के शरीर को स्वस्थ, सुंदर और मन को हर्षित करने वाला है. यह पौरूष और आत्मगौरव प्रगट करता है. लाल रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
नवरात्रि का सातवां दिन: सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है. इन्हें नीला रंग प्रिय है. नीला रंग बल, पौरूष और वीर भाव का प्रतीक है.
नवरात्रि का आठवां दिन: इस दिन मां महागौरी की पूजा होती है. गुलाबी रंग का वस्त्र धारण कर पूजा करने से माता बेहद प्रसन्न होती है. गुलाबी रंग सौभाग्य और प्यार का प्रतीक है.
नवरात्रि का 9 वां दिन: इस दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. माता को बैंगनी रंग बेहद प्रिय है. बैगनी रंग उत्साहवर्धन, राजसी वैभव और आपसी प्रेम का प्रतीक होता है. यह मन की शांति देता है और निराशा से मुक्ति करता है.
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