रायपुर। मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पढ़ाई अधूरा छोड़कर लौटे छात्रों के सामने अब कॅरियर की चिंता है। इस बात को लेकर रविवार को यूक्रेन से लौटे छात्र-छात्राओं ने पालकों के साथ बूढ़ा तालाब के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से स्थानीय मेडिकल कॉलेजों में एडमीशन की मांग की।
मामले में आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन की लड़ाई के कारण बड़ी संख्या में भारतीयों को अपनी पढ़ाई छोड़कर लौटना पड़ा। इसमें छत्तीसगढ़ से भी सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल हैं। वे अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर छत्तीसगढ़ लौटे थे। अब इनके सामने कॅरियर की चिंता सताने लगी है। इसे देखते हुए आज ऐसे सभी छात्र बूढ़ा तालाब के पास जमा होकर स्थानीय कॉलेजों में एडमिशन दिलाने प्रदर्शन किया।
इस दौरान प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों की एक ही मांग है कि उन्हें प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमीशन दिया जाए। स्टूडेंट्स का कहना है कि रूस-युक्रेन युद्ध के बाद सभी लौट आए हैं। माना जा रहा था कि जल्दी की युद्ध समाप्त हो जाएगा और वे फिर से लौट सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों देशों के बीच अब तक युद्ध समाप्त नहीं हुआ है इसके कारण इनकी पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी।
छात्रों ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनकी शेष पढ़ाई छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में पूरी कराई जाए। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इनके लिए कोई सरकारात्मक पहल की सूचना नहीं है। वहीं छात्रों का कहना है कि अब उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनके हित में कोई निर्णय नहीं हो जाता।