छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री पर कब्जे के लिए इस बार मुकाबला कड़ा और रोचक होने के आसार हैं। चेम्बर के अध्यक्ष पद के लिए पूर्व अध्यक्ष और कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और चेम्बर के वर्तमान चैयरमेन और छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे योगेश अग्रवाल के बीच सीधा मुकाबला तय माना जा रहा है। अमर पारवानी जय व्यापार पैनल के बैनर तले चेम्बर अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे, वहीँ व्यापारी एकता पैनल के प्रत्याशी योगेश अग्रवाल हैं। दोनों ही व्यापारिक संगठनों से वर्षों से जुड़े हैं और व्यापारियों की राजनीति कर रहे हैं। चेम्बर चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन अध्यक्ष के दावेदारों में घमासान मच गया है। योगेश अग्रवाल विधायक बृजमोहन अग्रवाल के भाई है और योगेश को पूर्व भाजपा विधायक तथा चेम्बर की राजनीति में गहरी पैठ रखने वाले श्रीचंद सुंदरानी का साथ है।
करीब 17 हजार सदस्यों वाले छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव के लिए इस बार रायपुर के अलावा अन्य स्थानों पर भी मतदान कराये जायेंगे। अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। पिछले अध्यक्ष पद जितेन्द्र बरलोटा अपने तीन साल के कार्यकाल में असहज महसूस करते एक -दो बार इस्तीफा भी दे दिया, जबकि वे सबसे ज्यादा मतों से जितने वाले अध्यक्ष थे। जितेन्द्र जैन बरलोटा महासचिव से अध्यक्ष का चुनाव जीते थे, फिर भी चेम्बर की राजनीति में उनके कार्यकाल में भारी उठापटक देखा गया। चेम्बर की राजनीति से दूरी बनाकर अमर पारवानी ने कैट से नाता जोड़ लिया ,वहीं युवा चेम्बर को भंग कर दिया गया। चेयरमैन समेत कई पदों से इस्तीफे का दौर भी काफी चला। पिछले तीन साल में एक -दूसरे के खिलाफ जहर उगलने वाले अब एकजुट हो गए हैं और व्यापारी एकता पैनल बनाया है।
व्यापारी एकता पैनल के पंच समिति ने अध्यक्ष प्रत्याशी के लिए सर्वसमिति से योगेश अग्रवाल का नाम तय किया है। व्यापारी एकता पैनल के प्रवक्ता ललित जैसिंघ ने यह ऐलान किया। बैठक में पंच समिति के सदस्य रमेश मोदी, श्रीचंद सुंदरानी,पूरनलाल अग्रवाल,जितेंद्र बरलोटा,त्रिलोक बरडिया,संजय रूंगटा,सुशील अग्रवाल,मोहन तेजवानी,हरचरण साहनी,चेतन तारवानी प्रमुख रूप से शामिल थे। योगेश अग्रवाल सालों से छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कॉमर्स की राजनीति से जुड़े रहे हैं। वे लंबे समय तक छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे तथा एक दर्जन से अधिक संगठनों से जुड़े हुए हैं। अमर पारवानी तीन साल तक चेम्बर के सक्रिय अध्यक्ष रहे और कैट के उपाध्यक्ष के नाते लाकडाउन के दौरान व्यापार और व्यापारियों के लिए आगे आकर काम किया।
कहा जा रहा है कि चेम्बर चुनाव में इस बार मुकाबला कांटे का रहेगा और रोचक और रोमांचक भी होगा। मैदान में कितने भी प्रत्याशी हों, मुकाबला तो अमर पारवानी और योगेश अग्रवाल में ही होगा। मुद्दा काम भी होगा। व्यवहार भी रहेगा। साथ ही किसके साथ कितने व्यापारी रहेंगे, यह भी मायने रखेगा। सवाल यह भी उठेगा कि पिछले तीन साल तक लड़ाई- झगड़ा करने वाले फिर किस तरह चेम्बर को चलने देंगे या चलाएंगे ? पर एक बात साफ़ है कि दिसंबर की ठंडी में व्यापारियों की राजनीति प्रदेश को गरमाएगी।