हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही है यह कहना थोड़ी सी जल्दबाजी होगी। दरअसल चुनाव आयोग के ताजा जारी आंकड़ों की माने तो बीजेपी की 11 सीटें ऐसी हैं जहां पर पार्टी के प्रत्याशी महज 400 वोटों के अंतर से पीछे हैं। हालांकि एक आंकड़ा दूसरी ओर यह कह रहा है कि हिमाचल में कांग्रेस की सीटें बीजेपी से ज्यादा दिख रही हैं और बहुमत के आंकड़े को छू रही हैं। यानी कुल मिलाकर कहें तो अगर आखिरी राउंड्स में पासा पलटता है तो सत्ता का गेम फिर से बीजेपी के पाले में आ सकता है।
कांग्रेस के नेता विक्रमादित्य सिंह का बड़ा बयान
हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने को आतुर दिख रही कांग्रेस के नेता विक्रमादित्य सिंह का इसी बीच बड़ा बयान आया है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने कहा है कि हम वादे के अनुसार सबसे पहले अपनी 10 गारंटियां पूरी करेंगे। हिमाचल की जनता का हम धन्यवाद करते हैं। हम हॉर्स ट्रेडिंग नहीं होने देंगे। बीजेपी ये करती है लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। मुख्यमंत्री के लिए हाईकमान निर्णय लेगी , वीरभद्र की लेगेसी और हमारी इच्छा पार्टी स्तर पर विचारी जाएगी।
बीजेपी-कांग्रेस के वोटों का अंतर काफी कम
हिमाचल विधानसभा चुनाव में जो सबसे दिलचस्प बात है वो वोटों के अंतर को लेकर है। चुनाव आयोग के ताजा जारी आंकड़ों की मानें तो कांग्रेस को 43.60 प्रतिशत और बीजेपी को 43.28 फीसदी वोट मिला है। यानी कुल मिलाकर कहें तो यह अंतर काफी कम है। जिससे पता चलता है कि लड़ाई बेहद ही करीबी हुई है। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरी चुनावी नतीजे किसके पक्ष में आते हैं और हिमाचल प्रदेश की रिवाज कायम रहने की बात किस हद तक सही साबित होती है।
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