Close

जिला अस्पतालों में IVF की सुविधा बनेगी वरदान, निःसंतान दम्पत्तियों के घर भी गूंजेगी किलकारी – डाॅ. वर्णिका शर्मा


Ad
R.O. No. 13250/31

रायपुर। डाॅ. वर्णिका शर्मा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शासन को यह अनुंशसा की है कि जिला चिकित्सालयों तक निःशुल्क शासकीय आई.व्ही.एफ. की सुविधा उपलब्ध होना चाहिए, जिससे गरीब निःसंतान दम्पत्तियों के आंगन में किलकारियाँ गूँज सकंे । उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि संतान उत्पत्ति संबंधी चिकित्सा एवं उपचार के लिए ना तो कोई शासकीय सुविधा उपलब्ध है और न ही ऐसे उपचार को किसी शासकीय योजना अंतर्गत बीमारी मानकर प्रतिपूर्ति हेतु प्रावधानित किया गया है । इस प्रक्रिया से संबंधित उपचार अत्यंत महंगा एवं लगभग 1.5 लाख रूपये से 5.00 लाख रूपये तक व्यय का होता है एवं निर्धन दम्पत्तियों के लिए इसका व्यय वहन करना संभव नहीं होता है। निःसंतान दम्पत्ति को संतान प्राप्त होना न केवल दम्पत्ति का अधिकार है अपितु यह एक बच्चे के जन्म लेने के अधिकार से भी संबंधित है । इस विषय पर शासकीय सुविधा की जानकारी प्राप्त करने हेतु आयोग द्वारा जानकारी प्राप्त की गई ।



वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अत्यंत सहृदयता दिखाते हुए एक आई.व्ही.एफ. सेन्टर को आधुनिकतम उपकरणों के साथ आरंभ करने हेतु इस वर्ष बजट में मेडिकल काॅलेज रायपुर हेतु राशि स्वीकृत की है । चूँकि प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्वयं के भवन एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं , अतः उन्होंने अनुशंसा की है कि प्रदेश में प्रथम चरण में सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में निःसंतान दम्पत्तियों को संतान उत्पत्ति संबंधी सुविधा प्रदान करने हेतु सर्वसुविधायुक्त (ॅमसस म्ुनपचचमक) आई.व्ही. एफ. केेन्द्र की सुविधा आरंभ की जाये । यह सुविधाएं निर्धन दम्पत्तियों को निःशुल्क उपलब्ध होना वरदान साबित होगा । प्रदेश में द्वितीय चरण मंे समस्त जिला चिकित्सालयों तक उपरोक्तानुसार सर्वसुविधायुक्त ऐसे केन्द्रों का विस्तार भी किया जाए । उन्होंने मुख्यमंत्री जी एवं स्वास्थ्य मंत्री जी को अनुंशसा पत्र लिखकर यह संवेदनशील मांग रखी है।

scroll to top