दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख का संदेश लेकर जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर महासचिव जयराम रमेश ने तंज कसा है। जयराम रमेश ने थरूर का नाम लिए बगैर कहा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना में अंतर है। कांग्रेस विशाल गंगा जैसी है, जिसकी कई सहायक नदियां हैं। उनमें से कुछ सूख जाती हैं और कुछ प्रदूषित हो जाती हैं।
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत का संदेश लेकर विदेश जाने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। एक प्रतिनिधिमंडल की कमान कांग्रेस सांसद शशि थरूर को मिली है। इस पर सियासत तेज हो गई है। दरअसल कांग्रेस ने जिन चार नामों का प्रस्ताव भेजा था, उनमें शशि थरूर का नाम नहीं था। केंद्र सरकार ने थरूर का नाम खुद से प्रस्तावित किया है।
इसे लेकर जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, जमीन-आसमान का अंतर है। सरकार पार्टी से विचार विमर्श किए बिना उनके किसी सांसद को प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं कर सकती। यह अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसद भी अपने पार्टी नेतृत्व से अनुमति लेते हैं।
शशि थरूर पर कार्रवाई को लेकर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकार ने कांग्रेस से चार नाम मांगे थे और उसने वे चार नाम भेज दिए हैं। कांग्रेस की ओर से नामों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। गेंद अब सरकार के पाले में है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी के साथ बातचीत के दौरान किसी नाम पर चर्चा नहीं हुई।
थरूर बोले- सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए नामांकन स्वीकार करते हुए थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की आवश्यकता होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा। जय हिंद!
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि निश्चित रूप से जब राष्ट्र को मेरी सेवाओं की आवश्यकता होती है, तो मैं उपलब्ध रहता हूं। इसका पार्टी राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। यह इससे संबंधित है कि हमारे देश ने हाल के दिनों में क्या-क्या झेला है और हमें एकजुटता दिखाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के नेतृत्व को मेरी योग्यताओं या कमी के बारे में अपनी राय रखने का अधिकार है, और मुझे लगता है कि यह वास्तव में उन्हें ही समझाना है। मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है। मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है और मैं इस जिम्मेदारी को उसी तरह से पूरा करूंगा, जैसे मैंने अपने लंबे कार्यकाल में सौंपी गई हर जिम्मेदारी को पूरा किया है, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र में हो या कांग्रेस पार्टी में हो।
थरूर बोले कि सोमवार और मंगलवार को हमारी संसदीय स्थायी समिति की बैठक है। मैंने पार्टी को दो दिन पहले आए फोन के बारे में सूचित किया था। मैंने संसदीय मामलों के मंत्री को यह भी बताया कि मुझे लगता है कि वे विपक्षी दलों के पार्टी नेतृत्व से बात करेंगे और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे ऐसा करेंगे। मुझे यह पूरी तरह से उचित लगा कि देश को इस विशेष रूप से महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक साथ आना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री ने साझा की जानकारी
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विभिन्न देशों में जाने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले नेताओं के नामों का सरकारी पत्र साझा किया। किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में बताया कि इस समय सबसे जरूरी है कि भारत एकजुट रहे। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही अहम सहयोगी देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ हमारे शून्य सहिष्णुता के संदेश को दुनिया के साथ साझा करेंगे। यह मतभेदों से परे राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता का मजबूत संदेश दर्शाता है।