कही-सुनी (17 AUG-25) : अगले हफ्ते साय मंत्रिमंडल का विस्तार

रवि भोई की कलम से
चर्चा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय विदेश जाने से पहले अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर देंगे। मुख्यमंत्री 21 से 31 अगस्त तक जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर रहेंगे। खबर है कि 18 अगस्त को शपथ समारोह का आयोजन हो सकता है। शनिवार को मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना प्रबल हो गई है। हरियाणा का फार्मूला लागू कर छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री बनाए जाएंगे। इससे साय कैबिनेट में तीन नए लोगों को जगह मिल जाएगी। कहा जा रहा है कि किसी मंत्री को कैबिनेट से नहीं हटाया जाएगा और डॉ रमन सिंह मंत्रिमंडल में मंत्री रहे या वरिष्ठ विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा। नए मंत्री के लिए सरगुजा के विधायक राजेश अग्रवाल, आरंग के विधायक गुरु खुशवंत साहेब और दुर्ग शहर के विधायक गजेंद्र यादव का नाम हवा में तैर रहा है। रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा भी दौड़ में हैं। बताते हैं दिल्ली के नेता बिलासपुर के विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के नाम पर सहमत हैं, पर छत्तीसगढ़ के नेता अमर अग्रवाल के पक्ष में नहीं हैं। माना जा रहा है कि साय कैबिनेट के दो मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ लॉबिंग कर रहे हैं। दोनों मंत्री एक ही संभाग के हैं। दोनों मंत्रियों को राज्य के दो ताकतवर भाजपा नेताओं का साथ है। सुनने में आया है कि राज्य के नेता तर्क दे रहे हैं कि अमर अग्रवाल को मंत्री बनाए जाने से राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, रेणुका सिंह और लता उसेंडी को भी मंत्री बनाना पड़ेगा। इन लोग भी सशक्त दावेदार हैं। अब शपथ के बाद ही साय कैबिनेट का असल खाका सामने आएगा। अब लोगों को शपथ की तारीख का इंतजार है।
राहुल टिकरिहा को तोहफा
प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी में राहुल योगराज टिकरिहा को भारतीय जनता युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। चर्चा है कि राहुल टिकरिहा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में बेमेतरा विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट की मांग की थी, पर पार्टी ने तब टिकट नहीं दिया था।पार्टी ने दिपेश साहू को उम्मीदवार बना दिया। वे विधायक का चुनाव जीत गए। बताते हैं इससे राहुल को झटका लगा था और नाराज भी हो गए थे। अब उन्हें भाजयुमो का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर तोहफा दे दिया गया है। राहुल को रवि भगत की जगह भाजयुमो का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। मंत्री ओपी चौधरी के खिलाफ खुली बगावत कर पिछले दिनों रवि भगत चर्चा में आए थे। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। रवि भगत को भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष पद से तो हटा दिया गया, पर कारण बताओ नोटिस पर कार्रवाई का अता-पता नहीं है। कहते हैं रवि भगत ने भी ताल ठोंक लिया था। इसलिए पार्टी के बड़े नेताओं ने चुप्पी में ही भला समझा।
कौन होगा रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर ?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 15 अगस्त को अपने भाषण में रायपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का ऐलान किया है। जब से छत्तीसगढ़ बना है, तब से रायपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की बात चल रही है। अब कब से रायपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम अस्तित्व में आता है, यह बड़ा सवाल है ? पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लेकर आईएएस और आईपीएस अफसरों का अब तक कोई खास रिएक्शन भी नहीं आया है। एक रिटायर्ड आईपीएस ने ही फैसले का स्वागत किया है और पुलिस को बधाई दी है। रायपुर का पुलिस कमिश्नर एडीजी स्तर के अफसर को बनाया जाता है या आईजी स्तर के अधिकारी को, यह भी चर्चा का विषय है। पर रायपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा के बाद पहले कमिश्नर को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया है। रायपुर के पहले पुलिस कमिश्नर के लिए सुंदरराज पी., राहुल भगत और अमरेश मिश्रा का नाम चर्चा में है। राहुल भगत और अमरेश मिश्रा 2005 बैच के आईपीएस अफसर हैं। सुंदरराज पी. 2003 के आईपीएस हैं और काफी साल से बस्तर के आईजी हैं। वे नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। राहुल भगत मुख्यमंत्री के सचिव हैं और उन्हें मुख्यमंत्री का काफी करीबी माना जाता है। अमरेश मिश्रा अभी रायपुर रेंज के आईजी हैं, साथ में ईओडब्ल्यू के मुखिया भी।
महिला आईएएस को केंद्र के अफसरों की खरी-खरी
कहते हैं केंद्र सरकार की एक योजना में छत्तीसगढ़ की कमजोर स्थिति को लेकर भारत सरकार के अफसरों ने राज्य की महिला आईएएस अफसर को खरी-खरी सुनाई। बताते हैं केंद्र के अफसरों की नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अफसर ने भी महिला आईएएस की क्लास ले ली। बताते हैं महिला आईएएस जिस विभाग की मुखिया हैं, उस विभाग को मुख्य सचिव के समकक्ष वाले अफसर देखते थे। पिछली सरकार ने परंपरा तोड़ी तो वह चली आ रही है। चर्चा है कि महिला आईएएस अफसर मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर दो अफसरों की राय पर ही चलती है। सुनने में आ रहा है कि प्रतिनियुक्ति पर आए अफसर महिला आईएएस को गलत -सलत सलाह दे जाते हैं। इससे विभागीय मंत्री भी नाराज हैं। विभागीय मंत्री ने दोनों अफसरों को हटाने का प्रस्ताव भेजा, जिसे महिला आईएएस ने अपने तर्क के आधार पर मंत्री जी को लौटा दिया। महिला आईएएस ने टीप दे दी कि दोनों की प्रतिनियुक्ति अवधि दो साल नहीं हुई है, इसलिए उन्हें वापस मूल विभाग में भेजना उचित नहीं होगा। महिला आईएएस की इस टीप से विभागीय मंत्री खफा बताए जाते हैं। चर्चा है कि धरती पुत्रों से संबंधित इस विभाग में महिला आईएएस की मंत्री जी से पटरी शुरू से नहीं बैठ रही है।
क्या अमिताभ जैन को और एक्सटेंशन मिलेगा ?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन के विदेश जाने की ख़बरों के बीच अमिताभ जैन के एक्सटेंशन की भी अटकलें शुरू हो गई है। अमिताभ जैन को मुख्य सचिव के पद पर एक जुलाई से तीन महीने का एक्सटेंशन मिला है। यह अवधि 30 सितंबर को पूरी हो जाएगी। अमिताभ जैन जब विदेश से लौटेंगे तो उनके पास काम करने के लिए एक माह ही बचेगा। कयास लगाया जा रहा है कि अमिताभ जैन को मुख्य सचिव के पद पर तीन महीने का एक्सटेंशन और मिल जाएगा। अब देखते हैं आगे क्या होता है। वैसे मुख्य सचिव के दावेदार कुर्सी हासिल करने की कोशिश में लगे हैं।
गृहमंत्री विजय शर्मा पर सवाल
नक्सली मोर्चे पर साय सरकार को लगातार सफलता मिल रही है, पर राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। रायपुर के तीन युवकों की धमतरी में और रायपुर में एक डिलीवरी ब्यॉय की हत्या ने प्रदेश की जनता को हिलाकर रख दिया है। छत्तीसगढ़ में सरेआम ऐसी घटनाओं की कल्पना नहीं की जाती। छत्तीसगढ़ में चाकूबाजी और नशाखोरी भी चरम पर दिखाई पड़ रही। इसके अलावा रील और सेल्फी का शौक भी बड़ी समस्या बनती जा रही है। स्वतंत्रता दिवस के दिन कवर्धा के समारोह में और कोरबा में जिस तरह उत्पात की खबरें आईं, उससे लग रहा है कि पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है। नक्सल मोर्चे पर जीत से ही सरकार की साख नहीं चमकने वाली। राज्य भर में बढ़ते अपराध को रोकना होगा। अपराध रोकना पुलिस का काम है। अनियंत्रित अपराध कहीं न कहीं गृहमंत्री विजय शर्मा के क्षमता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। फायर ब्रांड नेता को राज्य के भीतर अपराध रोकने पर भी काम करना होगा। वैसे भी कांग्रेस खराब कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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