नेशनल न्यूज़। ईडी (ED) ने बीते सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की। इसी मुद्दे को लेकर बिहार में राजनीति गरमाई हुई है और सबसे अधिक चर्चा लैंड फॉर जॉब घोटाले की हो रही है। बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कल ही ईडी ने लालू प्रसाद यादव से 10 घंटे तक पूछताछ की।
साथ ही आज तेजस्वी के साथ ईडी पूछताछ कर रही है। दूसरी ओर बिहार में नीतीश ने अपना पाला बदल लिया और दोबारा भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया और इस कारण राजद को बहुत बड़ा झटका लगा है। बता दें कि पूछताछ में लालू प्रसाद यादव से ED ने 50 सवाल पूछे जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। इस मामले को लेकर भाजपा और राजद में आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला लगातार जारी है।
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आखिर क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?
साल 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री रहे। उनके रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप-डी में भर्तियां की गईं और नौकरी के लिए कैंडिडेट्स से नौकरी देने के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन ली गई। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीनें मिलीं। बता दें कि सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के पूरे परिवार पर 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। इसमें लोगों को जबलपुर, मुंबई, छत्तीसगढ़ और जयपुर आदि जगहों पर लगाया गया था।
CBI के अनुसार, लालू यादव ने रिश्वत के रूप में ली जमीन को अपनी पत्नी राबड़ी और बेटी मीसा भारती सहित कई परिजनों के नाम पर कर दिया। लालू ने 12 लोगों से नौकरी के नाम पर 7 प्लॉट सस्ते में या बिना कुछ दिए ही हासिल कर लिए। लालू पर आरोप है कि उन्होंने लैंड फॉर जॉब घोटाले में करीब 4 करोड़ की जमीन 26 लाख में परिजनों के नाम करवा ली। इस मामले में लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं।