गरियाबंद।प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष करन सिंह अटेरिया,उप प्रांताध्यक्ष के.पी. श्रीवास एवं वी.एल.पटॆल ने बताया कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों की समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर 6 मार्च को रायपुर में सत्याग्रह आंदोलन करने का फैसला किया है।
करन सिंह अटेरिया ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को चार प्रतिशत देय तिथि से महंगाई भत्ता सहित चौदह सूत्रीय मांगो को लेकर आगामी 6 मार्च को राजधानी रायपुर में एक दिवसीय सत्याग्रह आंदोलन करने का ऑल्टीमेटम मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत एवं छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह के संयुक्त हस्ताक्षर से 21 फरवरी को दिया गया है। संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता परिवर्तन में राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों की अहम भूमिका थी। किंतु बजट सत्र में सरकार द्वारा कर्मचारियों से वादे के रूप में दी गई मोदी की गारंटी के तहत बजट में राशि का प्रावधान नहीं किया गया तथा आज पर्यंत महंगाई भत्ता की घोषणा नहीं की गई है। इस कारण प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों में निराशा है।
ये हैं कर्मचारियों की मांगें
कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन में प्रदेश के चतुर्थ वर्ग से लेकर सभी वर्ग के कर्मचारियों, शिक्षकों* लिपिकों, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों तथा पेंशनरों की प्रमुख मांगों को समाहित किया गया है। प्रमुख मांगों में केंद्र के समान देय तिथि से चार प्रतिशत डीए, जनवरी 2018 से समय समय पर दिए गए महगाई भत्ते की लंबित एरियर्स राशि का जीपीएफ खाते में संयोजन, सातवे वेतनमान की अंतिम क़िस्त का नकद भुगतान, सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत आयु 65 वर्ष करने, चार स्तरीय वेतनमान, एसके मिश्रा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, पुरानी पेंशन योजना के लाभ के लिए एलबी संवर्ग के शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से गणना, उत्तर प्रदेश सरकार की तरह समस्त कर्मचारियों एवं पेंशनरों को पांच लाख तक कैशलेश चिकित्सा सुविधा, सभी कर्मचारियों को पांच सौ रुपए प्रतिमाह मोबाइल भत्ता, समस्त विभागों में कार्यरत संविदा एवं चतुर्थ श्रेणी के कार्यभारित, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण, तीन सौ दिन के बराबर अर्जित अवकाश का नकदीकरण, समस्त विभागो में सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के रिक्त पदों पर निर्धारित समय सीमा में भर्ती तथा पदोन्नति, तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति में दस प्रतिशत की सीलिंग हटाने, पांचवे एवं छठवें वेतनमान के आधार पर निर्धारित सभी प्रकार के भत्तों का पुनरीक्षण तथा मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ के पेंशनरों के लिए राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित करने की मांग शामिल हैं।