रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजरंग दल को लेकर बड़ा बयान दिया है.उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि जरूरी हुआ तो बजरंग दल को छत्तीसगढ़ में भी प्रतिबंधित कर सकते हैं. एक टीवी चैनल को दिए गए बयान में उन्होंने यह बात कही है. सीएम बघेल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल को बैन करने की सोचेंगे. जानते चलें कि बजरंग दल इन दिनों पूरे देश में चर्चा के केंद्र में है। कारण कांग्रेस के घोषणा पत्र में इस नाम को शामिल करना। कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव को लेकर जो घोषणा पत्र जारी किया है, उसमें कहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह सूबे में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देगी।
कांग्रेस के इस ऐलान के चंद घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आ गया। उन्होंने इसे बजरंग बली का अपमान बताया। कहा, पहले कांग्रेस ने भगवान राम को ताले में बंद किया और अब वह जय बजरंग बली बोलने वालों को ताले में बंद करना चाहते हैं। रधानमंत्री के बयान के बाद कहा जाने लगा है कि अब पूरे कर्नाटक चुनाव का फोकस बजरंग बली पर ही रहेगा। ऐसे में आज हम आपको बजरंग दल की पूरी कहानी बताएंगे। कैसे इस संगठन की स्थापना हुई? कैसे ये देशभर में फैला और इसका कामकाज क्या है? आइए जानते हैं…
विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश मंत्री घनश्याम चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले राम मंदिर में ताला, फिर राम मंदिर का विरोध और अब बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करना, ऐसा लगता है कि कांग्रेस हिन्दु विरोधी है और जनता इसे सबक सिखाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि बजरंग दल एक राष्ट्रीय संगठन है और हिन्दु समाज के खिलाफ जो शक्तियां खड़ी हैं या काम कर रही हैं, उनसे मोर्चा लेता रहेगा. हिन्दु समाज की रक्षा के लिए हमेशा सजग और आगे रहेगा बजरंग दल. यह कोई फिल्म नही है जो कांग्रेस बैन कर देगी.