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जनपद सदस्य सफीक खान बर्खास्त, पद का दुरुपयोग करते हुए खुद के फर्म को ही पहुंचाता था लाभ

 

गरियाबंद,कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने मजरकट्टा क्षेत्र के जनपद सदस्य सफीक खान को धारा 40 के तहत बर्खास्त कर दिया है। सफीक खान के विरुद्ध ग्राम मालगांव के ग्रामीणों ने अपने पद का दुरुप्रयोग करते हुए खुद की फर्म को लाभ पहुंचाने एवम सरकारी राशि कर गबन का आरोप लगाया था। विभागीय जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद जिला पंचायत सीईओ के प्रतिवेदन के आधार पर जनपद सदस्य के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। बर्खास्त होने के बाद अब 6 साल तक सफीक खान किसी प्रकार का चुनाव नही लड़ पाएंगे।

जानकारी के मुताबिक जानकारी के मुताबिक 1 साल पहले ग्राम मल गांव के ग्रामीणों ने जनपद सदस्य सभी खान के विरुद्ध विभिन्न पंचायत के गठानों एवं चारागाह में जिला खनिज न्यास निधि मद से स्वीकृत नलकूप खनन कार्य को बिना मापदंड के पंचायत में दबाव बनाकर करवाने तथा जनपद पंचायत के विभिन्न योजनाओं की राशि को बिना कुछ कार्य के ही दबाव बनाकर स्वयं के नाम से चेक जारी कर गबन किए जाने की शिकायत की थी। इसके अलावा जनपद पंचायत गरियाबंद के सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन के बगैर ही सरकारी राशि आहरण की शिकायत भी जनपद सदस्य के विरुद्ध की गई थी। विभागीय जांच में विभागीय जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद जिला पंचायत सीईओ गरियाबंद द्वारा जांच प्रतिवेदन के साथ जनपद सदस्य सफीक खान को बर्खास्त करने का प्रतिवेदन कलेक्टर गरियाबंद को भेजा गया था जिसके आधार पर कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40 अंतर्गत कार्यवाही करते हुए जनपद सदस्य को बर्खास्त किया।

जानकारी के मुताबिक जनपद सदस्य सफीक खान द्वारा जनपद पंचायत में उपयोग किए गए वाहन के किराया, सरकारी काम में लगे टेंट का किराया और जनपद सीईओ के वाहन किराया अपने स्वयं के फॉर्म केजीएन ट्रांसपोर्ट का बिल लगाकर लगभन दो लाख 33 हजार 400 रुपए की राशि का हरण कर लिया गया था। इसके 20 दिसंबर 2021 में वाहन किराया के नाम पर 32300 रुपए, 8 मार्च 2022 में राजिम माघी मेला आयोजन के दौरान उपयोग किए गए वाहन किराया, 25 मार्च 2021 में सरपंच सम्मेलन टेंट किराया 115100 रुपए, 31 मार्च 2022 में वाहन किराया 24000 हजार रुपए, 11 अप्रैल 2022 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के वाहन दौरा हेतु किराया 16500 रुपए कुल दो लाख 33 हजार 400 रुपए की राशि का स्वयं की फर्म केजीएन ट्रांसपोर्ट का बिल लगाकर फर्म के खाते में ही भुगतान कराया गया। शिकायत जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की है।

उल्लेखनीय की उल्लेखनीय की जनपद सदस्य सभी खान के विरुद्ध लंबे समय से मामले की जांच चल रही थी लेकिन कांग्रेस सरकार और उसके एक मंत्री के दबाव के चलते हैं अब तक कार्रवाई लंबित थी। प्रदेश में सरकार बदलते ही भाजपा के स्थानीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की दखल के बाद प्रशासन ने मामले में कार्यवाही की है।

 

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