भोपाल। एमपी के 4.50 लाख सरकारी कर्मचारियों को मोहन सरकार अगली खुश खबरी देने जा रही है , सरकार कर्मचारियों, पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लाने की योजना बना रही है.राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक अहम फैसला लेने की योजना बनाई है. सरकार उनके लिए स्वास्थ्य बीमा योजना पर विचार कर रही है। मुख्य सचिव इस योजना के लिए बैठक कर प्रारंभिक खाका तैयार करने जा रहे हैं ,
कमलनाथ सरकार ने किया था कर्मचारियों के लिए मसौदा तैयार
कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजना का मसौदा तैयार किया था और अब मोहन सरकार इसे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लागू करेगी।
आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार गिरने के बाद कोरोना महामारी शुरू हुई, इसलिए योजना कागजों में दबी रह गई, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को योजना पर काम करने की निर्देश दिए है .
कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए मसौदे में सरकारी कर्मचारियों के प्रत्येक परिवार को मुफ्त चिकित्सा उपचार के लिए हर साल 5 लाख रुपये की राशि दी जानी थी। किसी भी गंभीर बीमारी स्थिति में, प्रत्येक परिवार को चिकित्सा उपचार के लिए हर साल 10 लाख रुपये दिए जाने थे। यदि स्थिति असाधारण रूप से गंभीर है, तो मेडिकल बोर्ड की अनुमति से अतिरिक्त राशि का प्रस्ताव किया गया था। यह भी प्रस्ताव किया गया कि गया था कि ओपीडी में जांच के लिए सालाना 10,000 रुपये दिए जाएंगे. प्रस्ताव था कि कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने रैंक के आधार पर अंशदान देंगे. इस योजना को एक बीमा कंपनी के माध्यम से क्रियान्वित किया जाना था। I
नई योजना में शिक्षकों और पेंशनभोगियों के अलावा 4.50 लाख कर्मचारी हैं। सरकार इन सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की योजना बना रही है। राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की स्वास्थ्य सुविधाओं पर पैसा खर्च करती है, लेकिन इसकी कोई निश्चित नीति नहीं है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए योजना है। ऐसी ही योजना राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए लागू करना चाहती है. स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा का कहना है कि हमारी सरकार कर्मचारी हितेषी सरकार है और उनके लिए हम नई योजना तैयार कर रहे हैं इससे कर्मचारियों के साथ साथ पेंशन लेने वाले भी शामिल किए जायेंगे ,
कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे और प्रवक्ता मुकेश नायक ने सरकार को घेरते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों के लिए बीमा योजना शुरू करने की योजना बनाई थी लेकिन बीजेपी ने मंत्रियों और विधायकों को खरीदकर उनकी सरकार गिरा दी , बीजेपी सिर्फ वादों का झुनझुना दे रही है । इनकी कथनी और करनी में बहुत फर्क है ।