गरियाबंद। गरियाबंद ब्लॉक के शिक्षकों ने बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) ऑफिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। शिक्षकों का कहना है कि बीईओ ऑफिस में हर छोटे-बड़े काम के लिए रिश्वत मांगी जाती है। चाहे वह छुट्टी लेना हो, वेतन वृद्धि का आवेदन देना हो, या गोपनीय प्रतिवेदन जमा करना हो, बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता। इस मुद्दे पर 50 से अधिक शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से मिलकर मौखिक शिकायत दर्ज कराई है।
राजधानी में राज्यपाल के हाथों सम्मानित पुरस्कार विजेता भी हुए परेशान ।
खेरी टिकरा प्राथमिक शाला के शिक्षक डिगेश्वर साहू, जिन्हें हाल ही में राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, ने भी इस भ्रष्टाचार का शिकार होने की बात कही। उन्होंने बताया कि वेतन वृद्धि के लिए एक हफ्ते से बीईओ ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया जा रहा है। जब उन्होंने डीईओ राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात की, तो उन्हें ‘अकेले में मिलने’ की बात कहकर टाल दिया गया।
महिला शिक्षक से गोपनीय प्रतिवेदन जमा करने के लिए रिश्वत की मांग
तंवरबहरा स्कूल की शिक्षिका श्रुति सिंह उदयाल से उनका गोपनीय प्रतिवेदन (सीआर) जमा करने के लिए विभाग में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 उदय साहू के द्वारा 2 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उनका सीआर स्वीकार नहीं किया गया।
शिक्षको को अपना वेतन निकलने के लिए रिश्वत देना मजबूरी
मर्दाकला और महुआभाठा स्कूल के शिक्षकों भगवत प्रसाद पटेल और अजय कुमार सेन ने भी बताया कि उनका अगस्त का वेतन नहीं मिला। वेतन निकालने के लिए जब उन्होंने बीईओ ऑफिस का रुख किया, तो वहां के कर्मचारियों ने 500 रुपये की रिश्वत मांगी। पैसे देने के बाद भी उनका वेतन जारी नहीं हुआ है।
शिक्षक संघ ने जताई नाराज़गी
टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, कई वर्षों से बीईओ ऑफिस में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने बीईओ राजेंद्र प्रसाद, उदय राम साहू, और कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक साहू पर कार्रवाई की मांग की है। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर समय पर उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
बीईओ का पक्ष
इस मामले पर बीईओ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि वह व्यस्त थे और शिक्षक डिगेश्वर साहू को बाद में आने को कहा था। उन्होंने रिश्वतखोरी के आरोपों से अनभिज्ञता जताई, लेकिन जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ए के सारस्वत ने कहा कि मुझे अभी ही शिक्षकों के द्वारा मौखिक रूप से शिकायत मिली है मैं इसके बारे में अभी कुछ नहीं बता पाऊंगा ।