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सिक्किम में बाढ़ : अब तक 11 सैन्यकर्मियों सहित 51 की मौत, ITBP के हिमवीरों ने 68 लोगों को बचाया

नेशनल न्यूज़। उत्तरी सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में आई बाढ़ में मृतकों की संख्या बढ़कर 51 हो गई, जिनमें 11 सैन्यकर्मी हैं। इनमें 26 शव सिक्किम और 25 शव पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के विभिन्न इलाकों से मिले हैं। 142 लोग अब भी लापता हैं, जबकि घायलों की संख्या 26 है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की।

 

सिक्किम राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष (एसएसडीएमए) के मुताबिक बाढ़ प्रभावित चार जिलों मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में अब तक 26 लोगों की मौत हुई है, जिनमें सात सेना के जवान हैं। वहीं जलपाईगुड़ी के एसपी के उमेश गणपत ने बताया कि पिछले तीन दिनों में जलपाईगुड़ी से 25 शवों को बरामद किया गया है, जिनमें चार शव सेना के जवानों के हैं। हालांकि ये जवान सिक्किम में लापता जवानों में से ही हैं कि नहीं यह स्पष्ट नहीं है।

मुख्यमंत्री तमांग ने बताया कि बरदांग क्षेत्र से लापता हुए 23 सैन्यकर्मियों में से सात के शव नदी के विभिन्न इलाकों से बरामद किए गए हैं। जबकि एक सैन्यकर्मी को पहले ही जीवित बचा लिया गया था। शेष 15 जवानों की तलाश जारी है। इन जवानों को सिक्किम और उत्तरी बंगाल दोनों इलाकों में ढूंढ़ा जा रहा है। जवानों के सात शवों में से चार की पहचान हुई है। हालांकि भारतीय सेना की ओर से किसी भी जवान की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सेना का तलाशी अभियान जारी है।

आईटीबीपी के हिमवीरों ने 16,000 फीट की ऊंचाई पर फंसे 68 लोगों को बचाया
वहीं, आईटीबीपी के हिमवीरों ने उत्तरी सिक्किम में आई बाढ़ के कारण पिछले तीन दिनों से 16,000 फीट की ऊंचाई पर फंसे 68 लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। आईटीबीपी के अनुसार, जिन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, वे हिमनद झील के फटने से आई बाढ़ के कारण पिछले तीन दिनों से पहाड़ी इलाके में फंसे हुए थे, क्योंकि क्षेत्र का संपर्क कट गया था। आईटीबीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, उत्तरी सिक्किम में हाल ही में अचानक आई बाढ़ के कारण 68 लोग 16,000 फीट की ऊंचाई पर फंस गए थे। आईटीबीपी बचाव दल के हिमवीरों ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया और सभी 68 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

बाढ़ से 2,376 घर क्षतिग्रस्त, 25 हजार लोग प्रभावित
एसएसडीएमए के मुताबिक बाढ़ से चार जिलों के 27 इलाके प्रभावित हुए हैं। 2,376 घरों को नुकसान पहंचा है। इन जिलों में 25,065 लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक 26 लोग घायल हुए हैं। अब तक 2413 लोगो को सुरक्षित निकाला गया है। इस समय राज्य में कुल 22 रीलिफ कैंप बनाए गए हैं, इनमें 6,875 लोग रह रहे हैं। बाढ़ में 13 पुल ढह गए हैं।

चार जवानों की पहचान
बाढ़ की चपेट में आने से बलिदान हुए सात जवानों में से चार की पहचान हो गई है। इनकी पहचान बिन्नागुड़ी सैन्य स्टेशन के गोपाल मद्दी, 64 ब्रिगेड, बेंगडुबी के नायक भवानीसिंह चौहान, अलीपुरद्वार में मधुबागान के नायक एनजी प्रसाद और बिमल ओरांव के रूप में हुई।

खतरे से सचेत करने वाली प्रणाली होती तो टल सकती थी तबाही
वैज्ञानिक और सरकार के अधिकारी ल्होनक झील पर ग्लेशियर से होने वाली बाढ़ के खतरे से सचेत करने वाली प्रणाली पर काम कर रहे थे। इसका पहला चरण पूरा हो चुका है और पिछले महीने ल्होनक झील के स्तर पर निगरानी के लिए एक कैमरा और कुछ मौसमी उपकरण भी तैनात किए जा चुके हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर यह प्रणाली काम कर रही होती तो बाढ़ की अग्रिम चेतावनी से मिलने के बाद लोगों को निकालने के लिए थोड़ा अतिरिक्त समय मिल जाता और सिक्किम की इस भीषण तबाही को टाला जा सकता था।

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