गरियाबंद। ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी की चतुर्थ पुण्य तिथि को गरियाबंद स्थित शिव शक्ति भवन के सभागार में वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस के रूप में मनाई गई।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान गरियाबंद प्रमुख बी के बिंदु बहन ने अपने उद्गार व्यक्त करते कहा कि दादी जानकी समस्त विश्व के लिए नारी शक्ति के लिए प्रेरणास्रोत थी। दादी का जीवन सच्चाई, सफाई और सादगी की मिसाल रहा।
दादी ने खुद के बल पर परमपिता परमात्मा शिव को साथी बनाकर अपने जीवन में त्याग, तपस्या और सेवा से सारे विश्व में राजयोग और आध्यात्मिकता का संदेश पहुंचाया।दादी जानकी जी 100 के उम्र में परमात्मा के प्रति विश्वास और आत्मबल से पहली बार अकेले ही विदेश यात्रा पर गईं थीं। वहां उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में आध्यात्मिकता और राजयोग का संदेश लोगों तक पहुंचाया। उनकी मेहनत से लंदन में ग्लोबल को-ऑपरेशन हाऊस रिट्रीट सेंटर की स्थापना की गई जो आज हजारों लोगों के लिए आध्यात्म का केंद्र बन गया है। दादी कहती थीं कभी भी छोटा दिल नहीं करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने उनकी शिक्षा के पांच केले जैसी घटनाओं को भी सुनाया। संस्थान के जिज्ञासु भूतपूर्व शिक्षक गंगासागर दीवानजी ने कविता के माध्यम से उनके अनमोल पल, वरदानों और शिक्षा को सुनाया।इस दौरान संस्थान के सैकड़ों भाई बहनों सहित जिज्ञासुवो की मौजूदगी रही।