बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शनिवार को कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष की एकता का प्रदर्शन किया जाना तय है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राकांपा प्रमुख शरद पवार समेत कई बड़े नेता इसमें शामिल होंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गैर भाजपाई खेमे के लिए एकजुटता दिखाने का एक मौका होगा।
भले ही सबसे पुरानी पार्टी अगले साल होने वाले चुनाव से पहले विपक्षी एकता को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां कांतीरवा स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहेंगी। हालांकि, उनकी पार्टी का इस कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व होगा, लेकिन कांग्रेस उनकी अनुपस्थिति को “निरुत्साहित” करने के तौर पर देख रही है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कुमार के अलावा, जिन लोगों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, उनमें स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं।
खरगे का झामुमो, राजद, शिवसेना, सपा समेत इन नेताओं का न्यौता
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष एम. मल्लिकार्जुन खरगे ने समारोह के लिए झामुमो, राजद, शिवसेना, सपा, पीडीपी, माकपा, भाकपा, एमडीएमके, आरएसपी, भाकपा(माले), वीसीके, रालोद, केरल कांग्रेस और आईयूएमएल के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने हालांकि शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को आमंत्रित नहीं करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम उसकी (कांग्रेस की) अपरिपक्व राजनीति और कमजोरी को दर्शाता है।
केरल के कन्नूर में एलडीएफ के संयोजक ई.पी. जयराजन ने कहा कि कांग्रेस के कदम ने साबित कर दिया है कि वह भाजपा की “फासीवादी” राजनीति के खिलाफ देश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को एक साथ लाने का मिशन पूरा नहीं कर सकती। उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए पूछा, “अब कांग्रेस पार्टी देश में भाजपा विरोधी कौन सा रुख अपनाने जा रही है?” कांग्रेस केरल में विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) का नेतृत्व करती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने लोकसभा में टीएमसी की उप नेता काकोली घोष दस्तीदार को कार्यक्रम में पहुंचने के लिए कहा है।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, “बनर्जी के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने से कुछ निराशा हुई है, खासकर उनके हालिया बयान के बाद कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस का वहां समर्थन करेगी जहां वह मजबूत है।” बनर्जी ने हाल में कहा था, “जहां भी कांग्रेस मजबूत है, उन्हें लड़ने दें। हम उनका साथ देंगे; (इसमें) कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन उन्हें अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा।” दक्षिणी राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीट जीतकर कांग्रेस के भाजपा के खिलाफ विजयी होने के तुरंत बाद उनका बयान आया। बिहार के दरभंगा में कुमार ने पुष्टि की कि वह सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली नई कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए शनिवार को बेंगलुरु जाएंगे।
उन्होंने कहा, “मुझे कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) ने आमंत्रित किया है। यह (कर्नाटक विधानसभा चुनाव) एक महत्वपूर्ण चुनाव था। साथ ही, मेरी उनसे (सिद्धारमैया) पुरानी दोस्ती है। मैं कल जाऊंगा।” ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा, “यह (शपथ ग्रहण समारोह) विपक्षी एकता और उसकी शक्ति के प्रदर्शन के लिए मंच हो सकता है।”