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निजी अस्पताल में इलाज में लापरवाही से आदिवासी महिला की मौत, पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टरों ने कर दी सर्जरी 

गरियाबंद।राजीव गांधी गोद ग्राम कुल्हाडीघाट की महिला के साथ हुई बेदर्द घटना के बाद उनके परिजन न्याय की आस में कलेक्टर दफ्तर पहुंच आवेदन दिया जिसमें उन्होने न्याय की गुहार लगाई । ब्लाक स्तर पर बने निजी  चिकित्सालय लोगो के लिए वेदना स्थल बनते जा रहे है । संवेदना विहिन हो चले इन चिकित्सालयों में जहंा एक ओर सरकारी मापदण्डो से खिलवाड किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर रूपयों की लालच में इंसान को इंसान नही समझा जा रहा है । गैर कानुनी ठंग से चिकित्सालयों के संचालन की खबर अब पुरानी हो चली अब तों इन इनके हौसले इतने बुलंद हो गए है कि आदमी को चीरफाड कर मौत के मुह में झोक रहे है और आयुश्मान कार्ड से रूपए निकाल रहे है ।
बतैर परिजन छुरा ब्लाक के लक्ष्मी नारायणा हॉस्पिटल में हुइ्र्र घटना के संदर्भ में प्रकाष में आई जिसने सूना उसके रोंगटे खडे हो गए । मामला जिला गरियाबंद के विकासखंड छुरा स्थित लक्ष्मी नारायण अस्पताल का है  जहंा एक आदिवासी महिला की सर्जरी तो अनुभवी डाॅक्टर के द्वारा किया गया । किंतु अस्पताल के गैर जिम्मेदाराना देखभाल ने मरीज को मौत के मुह में ढकेल दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मामूली पेट दर्द के चलते वार्ड क्रमांक 03 राजीव गोद ग्राम कुल्हाडीघाट, मैनपुर जिला गरियाबंद निवासी श्रीमती गैन्दू बाई धु्रव 35 वर्षीय आदिवासी महिला को छुरा स्थित लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल में विगत दिनांक 10. अप्रैल .2024 को दाखिल किया गया था। दाखिल पश्चात हास्पिटल संचालक व जिम्मेदार चिकित्सकों द्वारा सफल ईलाज का आश्वासन दिया गया।
मरीज श्रीमती गैन्दूबाई धु्रव को दिनांक 11 अप्रैल 2024 को सिटी स्कैन हेतु राजिम के डायग्नोसिस सेंटर ले जाया गया। सिटी  स्कैन बाद लक्ष्मी नारायण हास्पिटल संचालक व चिकित्सकों द्वारा मरीज के परिजनों को कहा गया कि मरीज को हिस्टरेक्टमी यानी बच्चेदानी का कैंसर है इनका सर्जरी करना पड़ेगा नहीं तो मरीज की जान को खतरा है कहते हुये मरीज श्रीमती गैन्दूबाई धु्रव को सर्जरी कर दिया गया । सर्जरी पश्चात मरीज को दस से ग्यारह दिनों तक लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल में रखा गया। बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। ईलाज में कुछ प्रोग्रेस नहीं होने की वजह से लक्ष्मी नारायणा हास्पिटल के संचालक से मरीज के परिजनों द्वारा संपर्क करने पर मरीज को रायपुर ले आओं ऐसा कहते हुये रायपुर स्थित नानक हास्पिटल में पुन दाखिल किया गया फिर से वही प्रोसेस सिटी स्कैन फिर जाच फिर डिस्चार्ज का सिलसिला चलते गया और मरीज को नई नई समस्याएं षुरू हो गई जिसके चलते कई बार अप्रषिक्षित डाॅक्टरों के द्वारा पेट को खोला गया और अलग अलग सर्जरी की गई । इस दौरान कई अलग अलग अस्पतालो में जैसे महासमुंद,खरोरा रायपुर मरिज को इसी हालत में भेजा जाता रहा । इन बार बार की चिकित्सा व लापरवाही पूर्वक देखभाल के चलते संक्रमण फैलता गया, परिजनो का कहना है कि उनकि पत्नी के कई अगों को निकाला गया है ।  अंतत आदिवासी महिला को इसकी लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है ज्ञात हो की मृतक का पति भागीरथी मरकाम वाहन चालक हैं जिनके दो पुत्र एवं एक सुपुत्री गजेन्द्र मरकाम 19. कु अनिला मरकाम 14 कुबेर मरकाम 08 वर्ष के है।
आयुष्मान कार्ड गरीबो के लिए बना अभिशाप  ?
लक्ष्मी नारायण हास्पिटल का आयुष्मान कार्ड के अलावा फोन पे व नगद जमा दिनाक 11 अपै्रल 2024 लक्ष्मी हास्पिटल को फोन पे 400000, सिटी स्कैन राजिम को 4500.00. 12 अपै्रल 2024 को फोन पे 20000.00. 15 अपै्रल 2024 को 7000.00 नगद काउंटर में 18. अपै्रल 2024 को 6500.00 नगद जमा। नानक हास्पिटल रायपुर का आयुष्मान कार्ड के अलावा फोन पे व नगद जमा दिनाक 02 मई 24-5000 नगद जमा व 8000.00 फोन पे 04 मई 24 को 10000.00 नगद जना, 06 मई 24 को 10000.00 नगद, सिटी स्कैन भवानी डायग्नोसिस्ट रायपुर को 6000.00 नगद जमा। 02 मई 24 को आयुष्मान कार्ड से डिडक्ट का डिटेल्स 32000.00 निकाला गया। प्रायः देखने में आया है कि आयुष्मान कार्डधारी गरीब लोगों को यह अस्पताल टारगेट करते है और उनके कार्ड से जांच ,चिकित्सा,सर्जरी के नाम पर लाखों रूपए निकाल लेते है और अतः में मरिजों के परिजनो से भी रूपए की मांग करते है ।
मृतक गैंदू बाई ध्रुव  ने रायपुर के मेकाहारा में ली अंतिम सांस
जिस तरह से आदिवासी महिला से ये लोग खेलते रहे है और अपना ज्ञान के साथ नए प्रशिक्षु को भी ज्ञान बढ़ाते रहे जिसका नतीजा महिला की मौत हो गई  परिवार को सुपुर्द कर मामला कफन दफन कर दिया गया। इस खौफनाक बेरहम खबर को दबाने के एवज में चिकित्सालय से साठ गाठ की खबर बाजार में वायरल जो बेहद निंदनीय है ,साथ ही जो रिस्तेदार कभी न्याय के लिए आतुर थे अब अचानक वह लोग मृतिका के पति व बच्चों के उपर समझौता करने का दबाव बनाने सोमवार को ग्राम कुल्हाडीघाट पहुंच गए । जिसको लेकर पति और पुत्र ने आक्रोषित होकर थाना मैनपुर पहुच षिकायत दर्ज करानी चाही जिसे थानेदार द्वारा समझौता कराया गया । मृतिका के पति और पुत्र इस बात को जानना चाहते है कि आखिर किन कारणों के चलते गैंदू बाई ध्रुव  की मृत्यु हुई है।
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