० प्रदेश के नियमित व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों ने आवाज़ बुलंद कर शासन से की नये शिक्षा सत्र से पहले प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करने की प्रबल माँग
कोरबा। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा प्रदेश में वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जल्द से जल्द जारी करवाने शासन से पुरजोर माँग की जा रही हैं। इस कड़ी में दिनाँक 3 जून 2023 को शिक्षक सदन, घंटाघर कोरबा में “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के मुख्य संयोजक सतीश प्रकाश सिंह की उपस्थिति में प्रदेश के व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। बैठक में प्राचार्य पद पर पदोन्नति से वंचित विभिन्न ज़िले से नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक माध्यमिक शाला स्नातकोत्तर प्रशिक्षित सम्मिलित हुए। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के आह्वान पर आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने उपस्थित सभी व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत “टी” संवर्ग में वर्ष 2013 से तथा “ई” संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं की गईं हैं । राज्य में 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं।
11 वर्षो से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से “टी” तथा “ई” संवर्ग के सैकड़ों नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए हैं। प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गईं हैं। प्रत्येक माह लगातार अनेक वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठक प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता देखते- देखते सेवानिवृत होते जा रहे हैं। मुख्य संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने प्रदेश में कई वर्षों से बाधित रही प्राचार्य पदोन्नति की विभागीय प्रकिया को शीघ्र प्रारंभ कर हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त सभी पदो पर नये शिक्षा सत्र के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करने की प्रबल माँग की हैं। श्री सिंह ने कहा कि, प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने से शासन को कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आयेगा , क्योंकि पदोन्नति प्राप्त करने वाले सभी नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक वर्तमान में प्राचार्य पद का ही वेतन और पे स्केल प्राप्त कर रहें हैं।
प्रदेश के इन वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति मिलने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार आयेगा, क्योंकि प्रदेश के 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं , जहाँ पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से केवल प्रभारियों के भरोसे से संचालित हो रहें इन स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा की बैठक में प्रमुख रूप से – सर्वेश सोनी, चंद्रशेखर शर्मा, लक्ष्मी कुमार डहरिया, सौरभ जकरिया, गजानंद दुबे, राधा रमण श्रीवास, जे. आर. अजगल्ले, दया शंकर साहू, एस. एन. शिव, जी.पी.खांडे, मोहर लाल खूंटे, एन.आर.देवांगन, के.एल.डहरिया, विनय कुमार सिंह, जे.आर.महेश्वरी आदि सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में उपस्थित विभिन्न मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों, यूनियनों, शिक्षक संघों, फेडरेशन के पदाधिकारियों तथा “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा ” के पदाधिकारियों ने शासन से प्राचार्य पदोन्नति के लिए तत्काल एक निश्चित समयबद्ध कार्यक्रम ( Time Table ) जारी कर , समस्त विभागीय प्रक्रिया को पूर्ण करके प्राचार्य पद पर पदोन्नति का आदेश जारी करने की पुरजोर माँग की हैं। बैठक में उपस्थित सभी नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों ने शासन से माँग की है कि प्राचार्य पदोन्नति की समस्त विभागीय प्रकिया को निधारित समय पर पूर्ण किया जाकर नये शिक्षा सत्र के पूर्व प्राचार्य पद पर पदोन्नति का आदेश जारी किया जावें। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही प्राचार्य पद पर पदोन्नति का आदेश जारी नहीं होने पर लोकतांत्रिक ढंग से अपने हक़ और अधिकार को लेकर प्रदेश के सभी नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों के द्वारा संयुक्त रूप से शांतिपूर्ण आंदोलन किया जावेगा।