रायपुर। राजधानी रायपुर के आरंग क्षेत्र में पखवाड़े भर पहले गौ-तस्करी के शक में किये गए हमले में तीन युवकों की मौत हो गई थी। मामले में अब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से नाराज मुस्लिम समाज आज सड़क पर उतर आया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और समाज के लोगों के बीच धक्का-मुक्की हुई। आखिरकार प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक गिरफ्तारी के बाद रायपुर एडीएम को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग की।
महानदी पुल पर 7 जून को पशु तस्करी के शक में तीन व्यक्तियों की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर मुस्लिम समाज ने शुक्रवार को मोती बाग चौक के पास सभा की। और फिर जेल भरने निकल पड़े। इससे पहले मुस्लिम समाज ने कलेक्टर और एसएसपी को ज्ञापन भी सौंपा था। इस मामले में 7 जून को ही ड्राइवर और उसके सहयोगी की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि तीसरे व्यक्ति ने 10 दिनों बाद अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, जो अब तक आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। सभा के बाद जेल भरने निकले लोगों की भीड़ को पुलिस ने सुभाष स्टेडियम के सामने रोका तो धक्का-मुक्की होने लगी। आखिरकार समाज के लोगों को अंदर जाने दिया गया।
इस पूरे प्रदर्शन के दौरान शहर के तीन एएसपी, 4 सीएसपी 8 टीआई के साथ सैकड़ों पुलिस जवान तैनात किए गए थे। जुमे की नमाज के बाद शहर के कई मुख्य मस्जिदों से समाज के सैकड़ों लोग मोतीबाग चौक पहुंचे थे। जहां हाथों में तिरंगा और धार्मिक नारे लगाए गए। एक छोटी सभा के बाद पूरी भीड़ राजीव गांधी चौक की ओर बढ़ी। जहां पुलिस बल ने बैरिकेड लगाकर रोका। इसके बाद सभी हाथों में तिरंगा लिए सुभाष स्टेडियम की ओर रैली की शक्ल में निकल पड़े।
इस मौके पर एसडीएम शैलेन्द्र पटेल को ज्ञापन सौंप कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सात दिन का समय दिया गया। और उसके बाद बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। इस दौरान घटना के विरोध में कार्रवाई की मांग करते हुए करीब 300 से 400 लोगों ने सांकेतिक गिरफ्तारियां दी हैं। हुसैनी सेना के अध्यक्ष राहिल राउफी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते मामले में लिप्त आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि रायपुर के आरंग क्षेत्र में 7 जून की रात को गौ-तस्करी के शक में तीनों युवकों की भीड़ ने बुरी तरह पिटाई कर दी थी। आरोप है कि इस दौरान हमलावरों ने युवकों को पुल से नीचे फेंक दिया। इससे घायल दो युवकों की मौत हो गई। वहीं तीसरे को पुलिस ने अस्पताल में दाखिल कराया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मामले में कथित गौ रक्षकों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। पिछले दिनों इस घटना के अहम गवाह की भी मौत हो गई। बावजूद इसके अब तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं किये जाने से मुस्लिम समाज में रोष है।